उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन ने बिजली के बिल की मौजूदा दरों के स्लैब में बदलाव का प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग को भेज दिया है. अगर ये प्रस्ताव स्वीकृत कर लिया गया तो बिजली के बिल में बढ़ोत्तरी हो सकती है. अब इस प्रस्ताव का विरोध शुरू हो गया है.

आज उत्तर प्रदेश के कानपुर में सपा व्यापार सभा और उत्तर प्रदेश प्रांतीय व्यापार मंडल के सदस्यों ने शास्त्री नगर इलाके में बिजली के उपकरणों को हाथों में लेकर इस प्रस्ताव का विरोध जताया.

इस मौके पर सपा व्यापार सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष व प्रान्तीय व्यापार मण्डल के प्रदेश अध्यक्ष अभिमन्यु गुप्ता व कानपुर नगर अध्यक्ष जितेंद्र जायसवाल ने कहा कि यदि बिजली दरों के स्लैब में बदलाव का प्रस्ताव मंजूर हुआ तो अकेले कानपुर के 4 लाख कनेक्शन धारियों की बिजली महंगी होगी जिसको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

अभिमन्यु गुप्ता ने कहा कि यूपी सरकार द्वारा नियंत्रित यूपी पावर कॉरपोरेशन द्वारा राज्य विद्युत नियामक आयोग को गुपचुप ढंग से बिजली दरों के मौजूदा स्लैब में बदलाव का प्रस्ताव भेजा है जिसकी वजह से 80 स्लैब घटकर 53 रह जाएंगे. जिसकी वजह से कई श्रेणियों की दरों में परोक्ष रूप से बढ़ोत्तरी हो सकती है. ये जनता के साथ धोखा व क्रूरता है.

उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव की सरकार को सस्ती बिजली दरों के लिए याद किया जाता है तो भाजपा सरकार को देश की सबसे महँगी बिजली के लिए. सपाइयों ने ये मांग की है कि प्रदेश सरकार चोरी छिपे किये जा रहे इस अन्याय को रोके.

नगर अध्यक्ष जितेन्द्र जायसवाल ने कहा की यह चोर दरवाज़े से बिजली दरें बढ़ाने का इस महामारी व लॉकडाउन काल में प्रदेश सरकार का क्रूरतम निर्णय है क्योंकि लॉकडाउन की वजह से पहले ही जीवनयापन कठिन है और प्रदेश सरकार ने न ही लॉकडाउन कि दौरान बिजली बिल माफ किया और न ही कोई सीधी मदद पहुंचाई.

नगर महासचिव मनोज चौरसिया ने कहा की वर्तमान में कम से कम 20 प्रतिशत की कमी करके ही किसी नए स्लैब का प्रस्ताव या मंजूरी देनी चाहिए.

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