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उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले से बीजेपी सांसद मुकेश राजपूत ने योगी सरकार के खिलाफ जमकर निशाना साधा है उन्होंने कहा कि अब तो सीएम योगी से किसी भी अधिकारी की शिकायत करने में डर लगने लगा है. कहा कि सीएम योगी से अगर किसी भी अधिकारी की शिकायत की जाए तो भी कुछ होने वाला नहीं हैं क्योंकि दोषी अधिकारियों से ही मामले की जांच करा दी जाती है.

इस शिकायत को लेकर लिखा था पत्र

गौतरलब है कि कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए बने अस्पताल में मरीजों की ओर से आ रही खराब खाने की शिकायतों के बाद उन्होने एक पत्र यूपी सरकार को लिखकर भेजा था, इसके साथ ही इस पर कार्रवाई करने की बात कही थी.

पत्र को संज्ञान में लेने के बाद सीएमओ कार्यालय के विशेष अधिकारी आरएन सिंह ने मामले में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य व आयुक्त कानपुर मंडल को मामले में जांच को लिखा था.

सांसद ने बताया कि उनके शिकायती पत्र में मैन्यू के अनुरुप भोजन और ठेकेदार की निविदाओं की जांच के बिंदु को मुख्यमंत्री कार्यालय से विशेष रुप से रेखांकित किया था. इसकी जांच रिपोर्ट एक सप्ताह में मांगी गई थी.

एक सप्ताह के बदले जब एक माह के बाद इसकी जांच रिपोर्ट भेजी जाती है तो जांच रिपोर्ट में मुख्य विकास अधिकारी डा. राजेंद्र पैंसिया ने शिकायत को पूरी तरह से खारिज कर दिया, यहां तक कि सांसद की बात को भी गलत साबित कर दिया.

सांसद मुकेश राजपूत ने बताया कि आरोपित अधिकारी को ही जांच दे दिए जाने से शिकायत करने का कारण ही समाप्त हो जाता है. सांसद ने कहा कि वह जनप्रतिनिधि हैं इसके नाते वो जनता की आवाज को उठाते रहेंगे. वह अपना काम करते रहेंगे जनता सब देख रही है.

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