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चोरी करने के बाद कोई चोर अगर चोरी किए हुए सामान को या उस वस्तु को खुद ब खुद बिना किसी दबाव के वापस कर जाए, ऐसा न के बराबर संभव होता है.लेकिन हमीरपुर में एक ऐसा मंदिर है जहां रखी भगवान की मूर्ति को चोर लोग चुरा ले गए थे. लेकिन कुछ समय ही बाद वो उस मूर्ति को वापस मंदिर में रखने आए थे इस दौरान उन्होंने मंदिर में रो-रोकर माफी मांगी थी.

चोरों का कहना था कि मूर्ति चुराए जाने के बाद वो कई रात सो नहीं पाए, उन्हें इस दौरान बुरे सपने आने लगे थे. चोरी के कुछ दिन बाद ही उसकी पत्नी की मौत हो गई थी. इसके बाद से ही ये मंदिर मशहूर हो गया. तबसे मंदिर में कभी भी कोई भूलकर भी गलती करने से ड़रना है.

गौरतलब है कि कानपुर नेशनल हाइवे-86 पर आनूपुर मोड़ के पास पश्चिम दिशा में बीबीपुर गांव में लक्ष्मीनारायण का मंदिर स्थित है, ये मंदिर मौजूदा समय में जर्जर और खंडहर में तब्दील हो गया है कहा जाता है कि इस मंदिर के अंदर विराजे लक्ष्मीनारायण की मूर्ति बहुत की चमत्कारी है.

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक इस मंदिर में सैकड़ों साल पहले छोटेलाल बाजपेई के पुरखों ने लक्ष्मीनायारण की मूर्ति की स्थापना की थी, इस मंदिर के पास में ही गौरीशंकर और मां दुर्गा का भी प्राचीन मंदिर है. पास ही में एक प्राचीन कुआं भी है. ये चारों एक ही जगह पर बीस फीट की दूरी पर है, किसी जमाने में लोग कुएंसे पानी लेकर लक्ष्मीनारायण का अभिषेक करते थे.

बारिश का महीना हो चाहे जो मौसम हो लोग जलाभिषेक नहीं करना भूलते थे. कहा जाता है कि जहानाबाद के देवमऊ गांव के पांडे बीबीपुर के पास यमुना नदी पार सिकरोढ़ी गांव ससुराल पैदल होते गए थे, ससुराल के दौरान इस मंदिर से लक्ष्मीनारायण की मू्र्ति को चुराकर अपने घर ले गए थे, अगले ही दिन उन्हें दंड मिला और उनका बेटा अचानक मर गया, तीसरे दिन उसकी पत्नी की भी मौत हो गई.

पत्नी और बेटे की आकस्मिक मौत के बाद सपने में लक्ष्मीनारायण ने चेतावनी दी थी कि उसे जहां से लाए हो वहीं पहुंचाओ, तब वो मूर्ति को मंदिर लाया और माफी भी मांगी थी, इस बीच छोटेलाल बाजपेई ने उन्हें देख लिया था. चोर ने मुर्ति के सामने रो-रोकर कहा कि मूर्ति चुराने पर उसे भारी कीमत चुकानी पड़ी है. छोटेलाल बाजपेई के पुत्र रमाकांत बाजपेई का मानना है कि चोर ब्राह्मण जाति का था जिसकी एक आंख भी खराब थी, कहा जाता है कि लक्ष्मीनारायण की मूर्ति की दोबारा स्थापना करने के दौरान उक्त चोर ने 25 चांदी के सिक्के भी दिए थे.

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