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अयोध्या मामले में सुप्रीमकोर्ट का फैसला आने के बाद अब सभी पक्षकारों की ओर से प्रतिक्रियाएं आना शुरू हो गई हैं. मुस्लिम समाज में भी मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. इस फैसले से इकबाल अंसारी खुश हैं तो सुन्नी वक्फ बोर्ड और आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड असंतुष्ट नजर आ रहा है.

आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से कमाल फारूकी का कहना है कि इसके बदले में हमें 100 एकड़ जमीन भी दे दे तो कोई फायदा नहीं. हमारी 67 एकड़ जमीन पहले ही अधिग्रहण की जा चुकी है. हमें दान में क्या दें रहे हैं वो. हमारी 67 एकड़ जमीन लेने के बाद 5 एकड़ दे रहे हैं. ये कहां का इंसाफ है.

इसके अलावा सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा हम फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन हम इससे संतुष्ट नहीं हैं. हम आगे की कार्रवाई तय करेंगे. पूरे मुल्क की आवाम से अपील है कि शांति बनाए रखें.

इसे लेकर कहीं भी किसी प्रकार का कोई प्रदर्शन नहीं होना चाहिए. यदि हमारी समिति मान जाती है तो हम पुनर्विचार याचिका दाखिल करेंगे. यह हमारा अधिकार है और यह उच्चतम न्यायालय के नियमों के अधीन भी है.

मुस्लिम पक्षकार स्वर्गीय हाशिम अंसारी के पुत्र इकबाल अंसारी ने कहा है कि हम सर्वोच्च अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं. हमने पहले भी कहा था कि अदालत का फैसला मानेंगे.

आज भी कह रहे हैं कि हम इसे मानते हैं. अब देखना है कि सरकार हमें मस्जिद निर्माण के लिए कहां जगह मिलती है. फिलहाल अदालत के इस निर्णय से एक बहुत बड़ा मसला हल हो गया है.

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