महाराष्ट्र की सियासत महज एक रात में पलट गयी. जहां कल तक शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने की गठजोड़ लगा रही थी तो वहीं आज सुबह बीजेपी ने एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाकर हर किसी को चौंका दिया. हालांकि यह उलटफेर शरद पवार ने नहीं बल्कि विधायक दल के नेता ने किया है.

एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने के अरमानों पर पानी फेर दिया. शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने की बात कर रही थी. तीनों के बीच फ़ॉर्मूला भी तय हो गया था. लेकिन रातोरात शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने सियासी गे’म पलटते हुए उपमुख्यमंत्री के शपथ ले ली. वह किंगमेकर के रूप में सामने आए हैं.

अजित पवार एनसीपी विधायक दल के नेता हैं. विधायकों के हस्ताक्षर वाला समर्थन पत्र भी उन्ही के पास था. ऐसे में उन्होंने शरद पवार सहित अन्य कई नेताओं को पीछे छोड़ते हुए बीजेपी को समर्थन दिया है. अधिकारिक तौर पर विधायक दल के नेता का समर्थन पत्र ही मान्य होता है.

बोले एनसीपी का नहीं समर्थन: शरद पवार

एनसीपी प्रमुख शरद पवार का कहना है कि एनसीपी का समर्थन नहीं है. इससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है. इससे जाहिर है कि अजित पवार ने एनसीपी के विधायकों को तो’ड़कर अपने साथ कर लिया है. इस पर कांग्रेस नेता तारिक अनवर का कहना है कि यह एक बड़ी सा’जिश है, जिसे गुप्त रखा गया.

वहीं एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि विधायकों के पत्र का गलत इस्तेमाल हुआ. समर्थक विधायकों की चिट्ठी का अजित पवार ने गलत इस्तेमाल किया है.

पार्टी से बगावत करने वाले अजित पवार ने कहा कि हम लोगों की समस्या के लिए साथ आए हैं. हम किसानों की समस्या को ख़’त्म करना चाहते हैं. उनकी भलाई के लिए ही सरकार में आए हैं. कहा लोगों ने जिसे सरकार बनाने के लिए चुना था उन्हें ही सरकार बनानी चाहिए.

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