समाजवादी पार्टी में हुए आंतरिक कलह की आंच मुलायम सिंह यादव और शिवपाल सिंह यादव के परिवार में साफ-साफ दिखाई देने लगी थी. चाचा शिवपाल सिंह यादव औरर रामगोपाल यादव के बीच अचानक से रिश्तों में तल्खी आने लगी.

साल 2017 के विधानसभा चुनाव के पहले हुआ झगड़ाः

बतौर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस दौरान ऐसे कई फैसले लिए थे कि जिससे परिवार में और कलह बढ़ गई थी. इस कलह का ठीकरा अमर सिंह पर भी फोड़ा गया था.

लेकिन हाल ही में एक साक्षात्कार के दौरान अखिलेश यादव ने न केवल परिवार में हुए विवाद की वजह का राज खोला था बल्कि परिवार में हुए एक झगड़े का कारण बिचौलिए शख्स पर ड़ाल दिया था.तो आज हम आपको इस खबर में बताएंगे कि आखिर तीसरा व्यक्ति ऐसा कौन था जिसने इस तरह का काम किया.

दो फाड़ हो गई थी सपाः

अखिलेश यादव के परिवार में ही नहीं बल्कि सपा में समर्थकों के दो फाड़ हो गए थे, इसमें एक नेता जी पक्ष में तो दूसरे अखिलेश यादव को अपना नेता मान रहे थे. ये विवाद सपा से बढ़ते-बढ़ते हुए परिवार की ओर पहुंच चुका था. मुलायम और अखिलेश के बीच ही नहीं शिवपाल और रामगोपाल के बीच दूरियां बढ़ने लगी थी.

उधर अखिलेश भी अपने पिता मुलायम सिंह यादव और चाचा शिवपाल सिंह से भिड़े हुए थे. अखिलेश यादव ने टीवी शो आपकी अदालत में बताया था कि परिवार में झगड़ा उनके कारण नहीं हुआ था. अखिलेश ने कहा कि परिवार में झगड़ा कुर्सी को लेकर हुआ था.

इसी साक्षात्कार में अखिलेश ने इस बात को स्वीकार किया था कि परिवार में उनके चाचा की उनसे लड़ाई नहीं है बल्कि नाराजगी हो सकती है. अखिलेश ने कहा कि उन्होंने कुछ फैसले पिता मुलायम सिंह से पूछे बगैर लिए थे, हालांकि अधिकतर फैसले पिता के ही कहने पर वो लेते थे.

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गौरतलब है कि यूपी विधानसभा चुनाव में सपा और मुलायम-अखिलेश के बीच हुई फूट का फायदा केवल बीजेपी को ही नहीं बल्कि बसपा को भी खूब फायदा मिला था. लेकिन इस समय समाजवादी पार्टी एकजुट दिखाई दे रही है और लोग भी अखिलेश यादव के नेतृ्त्व को लोहा मान रहे हैं जिसका एक ताजा उदाहरण हाल ही में पंचायत चुनाव के दौरान देखने को मिला.

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