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उत्तर प्रदेश के अधिकांश इलाकों में डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों का कहर जारी है. पूरे प्रदेश के सैकड़ों लोग अपनी जान गवा चुके हैं और हजारों की संख्या में अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं. हालांकि उत्तर प्रदेश का स्वास्थ विभाग के आंकड़ों में सबकुछ ठीक ही चल रहा है.

गुरूवार को भाजपा नेत्री की डेंगू से हुई मौ‘त पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव प्रदेश की योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. अस्पतालों में लोगों को सही इलाज नहीं मिल रहा है. दवाईया तक नहीं मिल पा रही है. सरकारी अस्पतालों से वसूली की शिकायतें आ रही हैं. सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है.

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की इस सम्बंध में लापरवाही घोर अमानवीयता की पराकाष्ठा है. लोग डेंगू से म’र रहे हैं. मलेरिया का प्रकोप फिर बढ़ा है. टीबी के मरीज बढ़े हैं. अस्पतालों में इलाज की जगह मरीजों को तकलीफ और संक्रमण बंट रहा है. अव्यवस्था का ऐसा आलम है कि अब राज्य में सामान्य आदमी की जिंदगी हर दिन खतरे में रहती है.

सीएम योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए अखिलेश ने कहा कि खुद मुख्यमंत्री जी के गृह जनपद गोरखपुर में जापानी बुखार पर नियंत्रण तो पाया नहीं जा सका, डेंगू की बीमारी फैलने से दर्जनभर लोगों की जान जा रही है. जिलों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रो में तो बुरी हालत है. न तो मरीजो की जांच की सुचारू व्यवस्था है और नहीं दवाएं मिल पाती है. 

राजधानी लखनऊ में रोज ही किसी न किसी के डेंगू की बीमारी से जान जा रही है. कई वरिष्ठ अधिकारी, नेता और छात्र भी डेंगू के शिकार हुए हैं. भाजपा की एक महिला नेत्री और छात्रा की कल ही जान गई है. यहां डेंगू मरीजों की संख्या 1100 तक पहुंच चुकी है.

कई अस्पतालों में डेंगू की जांच किट भी नहीं है. बलरामपुर अस्पताल में बुधवार को ही 31 सौ से ज्यादा बुखार के बीमार पहुंचे. सिविल, लोहिया, मेडिकल कालेज, में भी यही स्थिति है. वार्डों में मरीजों की भीड़ हैं, तमाम बीमारों को तो बिना इलाज वापस किया जा रहा हैं.

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को जनता की दिक्कतों की कोई फिक्र नहीं. सत्ता सुख में उन्हें जनता की बीमारियों से मौ’त से कोई संवेदना नहीं है. कानपुर नगर और ग्रामीण क्षेत्र में सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पताल डेंगू मरीजों से भरे हुए हैं.

शासन के दबाव से डेंगू मरीजों की संख्या और मौ’तों की जानकारी नहीं दी जाती है फिर भी अनुमान है कि प्रतिदिन आधा दर्जन मरीज डेंगू से जान गवा रहे हैं. बिल्हौर विधानसभा के पिहानी गांव में 5 हजार की आबादी में 16 लोगों की जान जा चुकी है. 400-500 मरीज अस्पतालों में भर्ती है.

अखिलेश ने कहा कि समाजवादी सरकार में एक रूपए के पर्चे पर गम्भीर रोगों तक के मुफ्त इलाज की व्यवस्था थी. अस्पतालों को दवाओं का पर्याप्त बजट मिलता था. डाक्टर भी नियमित रूप से ओपीडी में बैठ रहे थे. उनकी सुविधाओं पर भी ध्यान दिया गया था. भाजपा की सरकार बनते ही स्वास्थ्य क्षेत्र में अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई है. गरीब का इलाज मुश्किल है.

अस्पतालों में वसूली की शिकायतें आने लगी हैं. जनता इस सबसे गहरे असंतोष और आक्रोश में हैं. खुद महामहिम राज्यपाल महोदया की पिछले दिनों टिप्पणी थी कि प्रदेश के अस्पतालों में कमीशनबाजी चल रही है इससे बेफिक्र प्रदेश की भाजपा सरकार चेती नही, बल्कि पूरी स्वास्थ्य सेवाएं ही चौपट हो गयी.

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