समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने आज पार्टी मुख्यालय में प्रदेश के अलग अलग जिलों से आए अधिवक्ताओं से मुलाकात की और उन्हें संबोधित किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि आज देश के हालात ठीक नहीं है. धर्म और जाति के नाम पर समाज को बांटने का काम हो रहा है. असमानता बढ़ती जा रही है. संविधान पर संकट है, संस्थाओं पर भरोसा कम हो रहा है, उन पर नियंत्रण किया जा रहा है. सच को जानना आसान नहीं रहा.
लखनऊ के डाॅ0 राममनोहर लोहिया सभागार में अखिलेश ने अधिवक्ताओं में ऊर्जा और जागरूकता की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनका सहयोग मिले बिना सफलता नहीं मिलती है. जब वे तय कर लेंगे कि बदलाव लाना है तो सन् 2022 में अवश्य परिवर्तन दिखाई देगा. समाजवादी सरकार के कार्यकाल में पहले भी उनके हित के तमाम फैसले हुए थे और फिर सरकार बनने पर उनको और ज्यादा सुविधाएं मुहैया कराएंगे.
भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर निशा‘ना साधते हुए अखिलेश ने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा सरकार अपना काम नहीं कर रही है. बच्चों को स्वेटर नहीं मिले, मिड-डे मील में बाल्टी भर पानी में एक लीटर दूध मिलाकर बांटा गया, बच्चों को नमक रोटी परोसी गई और इसकी खब़र छापने वाले पत्रकार को जे’ल भेजा गया.
आगरा- लखनऊ एक्सप्रेस-वे की जांच की, कुछ नहीं मिला. क्राइम कंट्रोल के लिए यूपी डायल 100 शुरू किया था उसे 112 में बदल दिया. एक नम्बर मिलाओ तो दूसरा मिलेगा, दूसरा मिलाओं तो पहला, यही तो एवीएम मशीन के बारे में भी चर्चा है.
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने गरीबी हटाने का वादा किया था मगर गरीबी मिटी नहीं. कश्मीर में लोग घरों में कैद हैं. धारा 370 खत्म हो गई पर झारखण्ड के चुनाव में उसी पर चर्चा की गई. मीडिया पर नियंत्रण है, जो भाजपा सरकार दिखाना चाहती है, वहीं दिखाया जा रहा है.
सरकार बेकारी का आंकड़ा नहीं बता रही है. जीडीपी जीरो है. विकास ठप्प है. पहले उद्योग डुबोए फिर उनको कर्ज भी दिया. रियल स्टेट बैठ गया है. उन्होंने कहा एक उद्योगपति ने सच बोला कि लोग डर रहे हैं, देश डर रहा है. इस हाल में जिसकी वजह से डर पैदा हुआ है उसके जाने पर ही डर दूर होगा. उन्होंने भारत के प्रथम राष्ट्रपति डाॅ0 राजेन्द्र प्रसाद के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया. उन्होंने आज के दिन भोपाल की गैस त्रासदी का भी स्मरण किया.
अधिवक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि वे अखिलेश यादव की सरकार बनाने के लिए कुछ उठा नहीं रखेंगे. जनता में सत्ता दल के प्रति बहुत रोष है. लोगों को अखिलेश यादव के नेतृत्व पर ही विश्वास है. सम्बोधन से पूर्व अखिलेश यादव ने 20 वरिष्ठ अधिवक्ताओं को सम्मानित किया. कई अधिवक्ताओं ने अखिलेश यादव को स्मृति चिह्न भेंट किए.