कानपुर-उन्नाव सीमा से सटे ट्रांसगंगा औद्योगिक सिटी में किसानों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर प्रदेश की सियासत गर्मा गई है. सपा और कांग्रेस जैसे दल इस मुद्दे पर योगी सरकार को घेरने में लगे हुए हैं. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने आज इस मामले में बयान जारी करते हुए कहा कि भाजपा सरकार की दमनकारी नीतियों की वजह से किसानों में गुस्सा है.

बीजेपी सरकार हठधर्मी रवैया अपनाए हुए है. किसानों की समस्या का समाधान करने के बजाए उनपर लाठियां बरसा रही है. पूरे मामले में जिला प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए अखिलेश ने कहा कि प्रशासन की ओर से थोथी बयानबाजी की जा रही है वो किसानों को धमकाकर शांति कायम करना चाह रहा है. प्रशासन की लापरवाही से कानून व्यवस्था बिगड़ रही है. किसानों का ऐसा अपमान अक्षम्य है.

अपनी सरकार की उपलब्धि बताते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार जहां किसानों की सहमति से जमीन का अधिग्रहण करने में सफल रही थी वहीं भाजपा सरकार बिना उनको पर्याप्त मुआवजा दिए उन्हें बेघर और बेरोजगार बनाने पर तुली है.

अगर उन्नाव के किसानों को उचित मुआवजा देने में भाजपा सरकार असमर्थ है तो उसे विकास का झूठा प्रपंच रचने की जरूरत नहीं. कोई भी ऐसा विकास जिसमें किसानों को दुख दर्द पहुंचता है भाजपा का यह रवैया कभी नैतिक नहीं हो सकता है.

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार किसानों के हितों के साथ संवेदनशून्य बर्ताव कर रही है. किसानों को गन्ने का मूल्य नहीं मिल रहा, खड़ी फसल आवारा पशु खा रहे हैं. धान खरीद केंद्रों में लटके तालों ने किसान की खुशहाली के दरवाजे बंद कर रखे हैं. सरकारी गोदामों से बेचे गए धान के संकर बीजों का खराब निकलना भाजपा सरकार का बड़ा भ्रष्टाचार है.

ऐसा लगता है जैसे भाजपा सरकार के नेतृत्व ने झूठ और कुप्रचार का ठेका ले लिया है. समाजवादी सरकार में गन्ना किसानों के लिए समर्थन मूल्य 40 रू0 बढ़ाया था उसके बाद किसानों को कुछ नहीं मिला. उनका बकाया भी अदा नहीं हुआ. समाजवादी सरकार में ही सठियांव, पुवांया और मोइदीनपुर में चीनी मिलें चालू हुई थी. भाजपा की विकासकार्यों में रूचि नहीं, वह सिर्फ भ्रम फैला रही है.

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