उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन में हुए पीएफ घोटा’ले के खुलासे के बाद सियासत तेज हो गई है. भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी एक दूसरे पर इस घोटा’ले में शामिल होने का आरो’प लगा रहे हैं. सत्ताधारी दल बीजेपी का कहना है कि ये घोटाला पूर्व की सपा सरकार में हुआ था और इसके लिए पूर्व सीएम अखिलेश यादव जिम्मेदार हैं.
समाजवादी पार्टी की ओर से इस बात का जवाब देते हुए कहा गया कि हमारी सरकार के समय में डीएचएफएल कंपनी को एक भी पैसा नहीं दिया गया था. दोनों ओर से आरो’प प्रत्यारो’प का दौर जारी है. समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए कहा कि आज सभी तरह के लेनदेन आरटीजीएस के जरिए हो रहे हैं.
सभी का रिकार्ड उपलब्ध है. सरकार को इस बात का खुलासा करना चाहिए कि यूपी पावर कार्पोरेशन का किस तारीख में कितना पैसा डीएचएफएल कंपनी को दिया गया है. उन्होंने कहा कि हम योगी सरकार को चुनौती देते हैं कि डीएचएफएल को दी गई सारी रकम का खुलासा करे और ये भी बताए कि किन किन तारीखों में ये रकम ट्रांसफर की गई है.
इससे पहले अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए कहा था कि प्रदेश की नाकाम व भ्रष्ट भाजपा सरकार बिजली कर्मचारियों के प्रोविडेंट फंड घोटा’ले में बिजली मंत्री को तुरंत बर्खास्त करके कर्मचारियों की भविष्य निधि तुरंत सुनिश्चित करे; नहीं तो ये कर्मचारी भाजपा सरकार की बत्ती गुल कर देंगे… फिर मुखिया जी पूछते फिरेंगे ‘इतना अंधेरा क्यों है भाई.
Faith in one’s Government begins with transparency and openness. All money transfers occur and are recorded through RTGS.
The Government needs to disclose how much money was transferred to DHFL from UPPCL PF trust through RTGS. Citizen’s deserve answers!
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 7, 2019