समाजसेवी अन्ना हजारे ने कृषि कानूनों के खिलाफ अपने प्रस्तावित अनशन को अब नहीं करने का फैसला लिया है. अन्ना हजारे ने भाजपा नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात के बाद उनकी मौजूदगी में ये एलान किया.

अन्ना हजारे ने कृषि कानूनों का समर्थन करते हुए कहा कि मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानून किसानों के हित में हैं. बता दें कि अन्ना हजारे ने एलान किया था कि वो कृषि कानूनों के खिलाफ शनिवार से अपने गांव रालेगढ़ सिद्धि में अनशन पर बैठेंगे.

उन्होंने कहा था कि मैं कृषि क्षेत्र में सुरक्षा की मांग करता हूं लेकिन ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार किसानों से जुड़े मसलों को लेकर संवेदनशील नहीं है. अन्ना हजारे ने अपने समर्थकों से ये अपील की थी कि कोरोना महामारी के चलते वो एकत्रित न हों.

अन्ना हजारे ने इससे पहले कई सरकारों के खिलाफ बड़े आंदोलन चलाए थे. उनके आंदोलन का असर था कि लोग उन्हें आज के युग का गांधी कहने लगे थे.

भाजपा सरकार आने के बाद अन्ना ने एक आंदोलन किया था मगर उसमें वो उत्साह नहीं दिखाई दिया जैसा पहले के आंदोलनों में दिखाई दिया था. उनके कृषि कानूनों के विरोध में अनशन के एलान के बाद माना जा रहा था कि सरकार पर दबाव बढ़ेगा.

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