महाराष्ट्र की बीजेपी सरकार में नवनिर्वाचित उपमुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजीत पवार को एसीबी की ओर से बड़ी राहत दिए जाने का जानकारी सामने आने के बाद अब इसपर राजनीति शुरू हो गई है.
हजारों करोड़ के सिंचाई घोटाले के आरोपी एनसीपी नेता अजीत पवार को एंटी करप्शन ब्यूरो ने बड़ी राहत देते हुए नौ बड़े मामलों में उनके खिलाफ चल रही जांच को बंद कर दिया. हालांकि एसीबी का कहना है कि ये पूरी सच्चाई नहीं है. सूत्रों के मुताबिक सिंचाई घोटाले से संबंधित तीन हजार उत्पाद जांच के घेरे में हैं.
इनमें से केवल उन्हीं मामलों को बंद किया गया है जिसमें उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है. ये कहना गलत होगा कि अजीत पवार के खिलाफ सिंचाई घोटाले में जांच पूरी तरह से बंद कर दी गई है. एसीबी का कहना है कि सिर्फ उन मामलों में जांच बंद की गई है जिसमें कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं.
विपक्षी दल ये आरोप लग रहे हैं कि अजीत पवार को बीजेपी का साथ देने के एवज में ईनाम मिला है. बता दें कि अजीत पवार पर हजारों करोड़ के सिंचाई घोटाले का आरोप हैं जिसके खिलाफ जांच चल रही है. कहा ये भी जा रहा था कि अगर वो उपमुख्यमंत्री न बनते तो जल्द ही जे‘ल की सलाखों के पीछे होते.
Maharashtra Anti Corruption Bureau (ACB) DG, Parambir Singh to ANI: None of the cases that were closed today are related to Maharashtra Deputy Chief Minister, Ajit Pawar. pic.twitter.com/bX4KMy83Ej
— ANI (@ANI) November 25, 2019
Maharashtra Anti Corruption Bureau Sources add that the cases that were closed today were conditional, cases could reopen if more information comes to light or courts order further inquiry. https://t.co/rTFoPVawFt
— ANI (@ANI) November 25, 2019