मिर्जापुर सांसद अनुप्रिया पटेल के तेवर से जिले के अफसरों में खलबली मच गयी. जिलाधिकारी भी बैकफुट पर आ गए. तीन दिन पहले शनिवार को योगी सरकार के मंत्री रमाशंकर पटेल ने जो शिलान्यास किया था, उसका शिलापट्ट रातोंरात उखड़वा दिया गया. अब कहा जा रहा है कि शिलान्यास हुआ ही नहीं.

अदलहाट के कुकीहीपुर गांव में दो सौ करोड़ की लागत से बनाए जाने वाले वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का शिलान्यास 17 अक्टूबर को उर्जा राज्यमंत्री रमाशंकर सिंह पटेल ने किया था. उनके नाम का शिलापट्ट भी लगवा दिया गया था. लेकिन इस कार्यक्रम में जिले की सांसद अनुप्रिया पटेल को नहीं बुलाया गया.

इसी बात से अनुप्रिया पटेल इस कदर नाराज हुईं कि डीएम को पत्र जारी कर जवाब मांगा. उन्होंने कहा कि परियोजना का शुभारम्भ मुख्यमंत्री को करना था तो स्थानीय स्तर पर किसके आदेश से किया गया. साथ ही पूछा कि इस समारोह में जिले के किसी सांसद या विधायक को क्यों नहीं बुलाया गया.

अनुप्रिया ने आगे कहा कि जवाब नहीं मिला तो सांसद होने के नाते मिले विशेषाधिकार के हनन की कार्यवाही भी डीएम के खिलाफ की जाएगी. सांसद के ये तेवर देखते हुए डीएम ने जवाब भेजा कि शिलान्यास नहीं हुआ है.

वहीं एसडीएम चुनार सुरेंद्र बहादुर सिंह को सोमवार की रात ही फ़ोर्स लेकर शिलान्यास स्थल पर भेज कर शिलापट्ट को हटवा दिया गया. ग्रामीणों ने मंगलवार की सुबह जब शिलापट्ट गायब देखा तो हैरान रह गए. गांव के लोगों ने इसकी जानकारी अदलहाट थाने में दी.

डीएम सुशील कुमार पटेल का कहना है कि शिलान्यास नहीं हुआ था. शिलापट्ट एक प्राइवेट संस्था ने अपनी तरफ से लगवा दिया था. यह पूरी तरह अवैधानिक था. उसे हटवा दिया गया है.

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