महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद सभी को ये लग रहा था कि वहां पर बीजेपी-शिवसेना मिलकर आसानी से सरकार बना लेंगे. इस गठबंधन को जनता ने बहुमत का आंकड़े से ज्यादा सीटें दी थी. नजीजे आने के बाद दोनों सहयोगी दलों के बीच सीएम पद को लेकर शुरू हुई खींचातानी रूकने का नाम ही नहीं ले रही है. दोनों ओर से बयानबाजियों का सिलसिला जारी है.

शिवसेना नेता संजय राउत ने ताजा बयान देते हुए कहा है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद के लिए उनकी पार्टी की मांग उचित है और भाजपा से साथ सत्ता साझा करने का आधार जीती गई सीटों की संख्या नहीं, बल्कि चुनाव से पहले हुआ समझौता होना चाहिए.

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महाराष्ट्र में जारी सियासी ड्रामे पर एआईएमआईएम के मुखिया असदउद्दीन ओवैसी ने चुटकी लेते हुए कहा है कि ये 50-50 कोई नया बिस्किट है क्या? ओवैसी ने कहा कि ये 50-50 क्या है? क्या ये एक नया बिस्किट है? साथ ही ओवैसी ने कहा कि ये इन लोगों को लोगों की समस्याओं की कोई चिंता नहीं है.

न्यूज एजेंसी एएनआई ने ओवैसी के हवाले से लिखा है, ‘ये 50-50 क्या है, कोई नया बिस्किट है क्या? कितना 50-50 करोगे? कुछ महाराष्ट्र की जनता के लिए भी बचाकर रखिए. वे (भाजपा और शिवसेना) सतारा में हुई बारिश से हुए नुकसान पर कोई चिंता नहीं है. वे सभी 50-50 की बात कर रहे हैं. यह किस तरह का ‘सबका साथ सबका विकास’ है?’

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