समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और रामपुर से सांसद मोहम्मद आजम खान यूपी की सियासत का जानामाना चेहरा हैं. वो रामपुर से लगातार सात बार विधायक चुने जा चुके हैं. सपा सरकार में पहली पंक्ति के नेताओं में शुमार आजम खान शेरो शायरी के भी बड़े शौकीन हैं.

सपा सरकार में उनकी तूती बोलती थी. मगर कहते हैं न कि समय हमेशा एक जैसा नहीं रहता. वक्त ने करवट ली तो आजम खान मुश्किलों में घिरते चले गए. प्रदेश में बीजेपी की सरकार आ जाने के बाद उनके लिए मुश्किलें शुरू हो गई. फिलहाल स्थिती ये है कि उनपर लगभग 84 मुकदमें दर्ज हैं जिनमें बकरी व भैंस चोरी से लगाकर जमीनों पर कब्जा करने और धमकी देने जैसे अपराध शामिल हैं.

आजम खान के अलावा उनकी पत्नी और बेटों पर भी मुकदमे दर्ज हैं. अब जब उत्तर प्रदेश की 11 सीटों पर उपचुनाव का एलान हो गया है तो आजम खान जनता के सामने आ रहे हैं और उन्हें अपने दिल का हाल बता रहे हैं.

रामपुर की सीट से समाजवादी पार्टी ने आजम खान की पत्नी तजीन फात्मा को उम्मीदवार बनाया है. तजीन के समर्थन में जनसभा करते हुए आजम खान मंच पर ही भावुक हो गए और कहा कि मैं अभी टूटा नहीं हूं, अगर मैं टूट गया होता तो यहां खड़ा नहीं होता.

जिस दिन मैं टूट जाऊंगा या तुम मेरे टूटने का इंतेजाम कर दोगे उस दिन यहां लोग नजर नहीं आएंगे, यह सजावटें नहीं होंगी. उन्होंने शासन-प्रशासन की तरफ इशारा करते हुए लोगों से कहा कि आपकी आवाज आपके हलक से बाहर आने नहीं दी जाएगी और ऐसा सन्नाटा होगा जिसका तसव्वुर भी नहीं कर सकते.

आजम ने कहा कि मैंने कल भी कहा था कि मुझे हिम्मत और ताकत दीजिए, मेरी खताओं का हिसाब करें. आजम खां ने कहा कि मेरी जिंदगी में मुझे नहीं समझ पाओगे, लेकिन मेरे बाद मुझे बहुत याद करोगे.

भावुक होकर आजम ने कहा कि हमारी मां पर मुकदमा कायम है, हमारी बड़ी बहन को घसीटते हुए थाने ले गए, मेरे बुजुर्ग भाई पर 307 का मुकदमा है. मैं और अब्दुल्ला इलाहाबाद में थे जब हमपर 307 का मुकदमा दर्ज किया गया. आजम यह बोलते हुए रो पड़े कि यह गैरत हमें लेकर डूब गई कि मरने के बाद हमपर मुर्गियां, बकरियां चोरी करने का भी इल्जाम रहेगा.

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