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कर्नाटक की सियासत में इन दिनों एक आडियो क्लिप के कारण ब’वाल म’चा हुआ है. इस क्लिप को मुख्यमंत्री येदियुरप्पा की बताई जा रही है. जो बुधवार को बीजेपी कोर समिति की बैठक में रिकार्ड किया गया है.

इसमें येदियुरप्पा ये कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि बागी विधायकों को पार्टी आलाकमान यानि अमित शाह की मर्जी से रखा गया था. और वह इसमें पार्टी के लोगों को सलाह देते हुए ये नजर आ रहे रहें हैं कि पार्टी को इन बागी विधायकों के साथ खड़ा होना चाहिए, क्योंकि इनकी ही कृपाद्रष्टि से बीजेपी सत्ता में आई है.

मोबाइल से रिकार्ड की गई इस क्लिप में येदियुरप्पा ये कहते हुए नजर आ रहे हैं कि कोई भी मेरी सरकार को मजबूती देने का काम नहीं कर रहा है. ये सरकार हम लोगों को बागी विधायकों ने तोहफे के रुप में दी है. बागी विधायकों को मुंबई में रखने का फैसला मेरा नहीं था. बल्कि उन्हें पार्टी आलाकमान की इजाजत के बाद रखा गया था.

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हालांकि येदियुरप्पा इस टेप में अपनी आवाज होने से इंकार कर रहे हैं, उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि वह कार्यकर्ताओं के साथ किसी खास मुद्दे पर बातचीत कर रहे थे. कहा कि जो भी जिम्मेदार कार्यकर्ता हैं उनको इस तरह किसी के बारे में बोलने से बचना चाहिए. इस क्लिप के सामने आने के बाद एचडी कुमारास्वामी ने फौरन प्रतिक्रिया दी और कहा कि इसके पहले ही एक क्लिप कोर्ट के पास है, इसको भी सबूत के तौर पर पेश किया जाएगा.

कर्नाटक के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव ने इस संबंध में ट्वीट करते हुए कहा कि बीएस येदियुरप्पा ने फिर अपने आपरेशन कमल और अनैौतिक रुप से कांग्रेस के विधायकों को तोड़ने की बात को स्वीकार किया है. उन्होंने इस क्लिप में खुलासा किया है कि अमित शाह ने मुंबई में ढाई महीने के लिए दलबदलुओं को शरण दी थी. इस पूरे आपरेशन में बीजेपी मा’स्टर’माइंड है. बता दें कि 3,4,5 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट की ओर से फैसला आने वाला है.

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