1971 में बजूद में आया देश बांग्लादेश अब तरक्की की सीढियां चढ़ रहा है. इस मामले में अब बांग्लादेश भारत को भी पीछे छोड़ रहा है. एशियाई विकास बैंक द्वारा जारी किए गए आंकड़ों में बांग्लादेश आर्थिक वृद्धि दर के मामले में भारत को पीछे छोड़ शीर्ष पर काबिज हो गया है.

स्थिर मंहगाई दर के साथ बांग्लादेश की आर्थिक वृद्धि दर लगातार बढ़ रही है. एडीबी के आंकड़ों के मुताबिक 2016 के बाद से बांग्लादेश ने 7 फीसदी की आर्थिक वृद्धि दर से तरक्की की है. जबकि इस वित्तीय वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 8 फ़ीसदी रहने का अनुमान है.

तेजी के साथ बढ़ रही बांग्लादेश की आर्थिक वृद्धि दर ने हर किसी का ध्यान इसलिए और खींचा है, क्योंकि दक्षिण एशियाई देशों की आर्थिक वृद्धि दर या तो स्थिर है या फिर तेजी के साथ गिर रही है.

साल 2016 में उच्चतम बिंदु पर पहुँचने के बाद भारत की आर्थिक वृद्धि दर तेजी के साथ घटी है. हालांकि एडीबी के मुताबिक भारत की आर्थिक वृद्धि दर अगले वित्तीय वर्ष में 7.2 फीसदी की दर से आगे बढ़ेगी. मगर घटती बिक्री और औद्योगिक उत्पादकता में कमी से यह मुश्किल नजर आ रहा है.

बांग्लादेश और भारत की अर्थव्यवस्था में अंतर है. भारत की अर्थव्यवस्था में औद्योगिक क्षेत्र के मुकाबले सेवा क्षेत्र का योगदान अधिक है. जबकि बांग्लादेश की इकॉनोमी में औद्योगिक क्षेत्र अपना अधिक योगदान दे रहा है. इससे बांग्लादेश में रोजगार का सृजन हो रहा है.

भारत की एक बड़ी आबादी आज भी कृषि पर निर्भर है, जिसका जीडीपी में सबसे कम योगदान है. वहीं बांग्लादेश की घरेलू औद्योगिक ताकत ने उसके निर्यात को बढ़ाया है. 2018 में बांग्लादेश का निर्यात 6.7 फीसदी था. जबकि 2019 में बढ़कर 10.1 फीसदी पहुंच गया.

एडीबी के आंकड़ों के मुताबिक बांग्लादेश का कपड़ा निर्यात 8.8 फीसदी से बढ़कर 11.5 फीसदी पहुंच गया. अमेरिका में मांग बढ़ी है. साथ ही अन्य देशों में नए बाजार बनाए हैं. बांग्लादेश के कुल निर्यात में कपड़ा की हिस्सेदारी 84.2 फीसदी है.

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