अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग संघ राष्ट्रीय कार्यकारिणी की एक महत्वपूर्ण बैठक बिहार की राजधानी पटना स्थित महात्मा फुले संस्थान में आयोजित की गई जिसमें पिछड़े और अतिपिछड़े समाज की समस्याओं पर मंथन किया गया और कई प्रस्ताव पारित किए गए. बैठक में सर्वसम्मति से ये निर्णय लिया गया कि पिछड़ा वर्ग संघ के अध्यक्ष इंद्र कुमार सिंह चंदापुरी किसी भी प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय लेने के लिए अधिकृत होंगे.

इंद्र कुमार सिंह चंदापुरी ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि’देश में पिछड़े-अतिपिछड़े वर्गों की समस्या ही बहुसंख्यकों की समस्या है और यह देश के पुनर्निर्माण की समस्या है. उन्होंने कहा कि इसके समाधान हेतु संघ ने विगत 14 फरवरी 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देश में जातीय जनगणना व मंडल आयोग को पूर्णतः लागू करने हेतु 8 सूत्रीय सुझाव भेजा था.

चंदापुरी ने कहा कि एनडीए 1 की केंद्रीय सरकार द्वारा 2021 की जनगणना में ओबीसी की गणना कराने के आदेश के बावजूद पिछड़े-अतिपिछड़े वर्गों की जनगणना न होना घोर चिंता का विषय है क्योंकि वंचितों को वंचित रखने का प्रयास देश की प्रगति, एकता व संविधान के लिए भारी खतरा है.

बैठक में प्रदेश अध्यक्ष रोहन भगत मालाकार उर्फ भंते, कार्यकारी अध्यक्ष जितेंद्र चंद्रवंशी, प्रदेश महिला अध्यक्ष शांति शाह, संगठन मंत्री शैलेंद्र साहू, सचिव अशोक सिंह पटेल, कार्यालय मंत्री गणेश रजक, महासचिव शशिभूषण पासवान, अधिवक्ता अरुण कुशवाहा, दयानंद गुप्ता आदि ने अपने विचार रखें.

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