बिहार का गौरवशाली इतिहास रहा है. जिसे जानने और समझने के लिए पटना के गांधी मैदान के उत्तरी किनारे की ओर गंगा नदी के किनारे बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग ने सभ्यता द्वार का निर्माण किया. सभ्यता द्वार पर वर्द्धमान महावीर, भगवान बुद्ध और महान सम्राट अशोक के संदेश अंकित हैं.
32 मीटर ऊँचे और 8 मीटर चौड़े सभ्यता द्वार का परिसर एक एकड़ में फैला हुआ है. यह पटना के गोलघर से तीन मीटर अधिक ऊँचा है. 5 करोड़ रुपए की लागत से यह डेढ़ साल में बनकर तैयार हुआ.
बिहार के सभ्यता द्वार का 20 मई 2016 को निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ था. सभ्यता द्वार का उद्घाटन 1 दिसंबर 2018 को हुआ. अगर आप पटना में बने सभ्यता द्वारा का दीदार करना चाहते हैं तो सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक यहां घूम सकते हैं. पटना में एक जगह से कई आप शानदार नज़ारे ले सकते हैं वह सभ्यता द्वार क्योंकि यहां गार्डन के साथ-साथ गंगा ड्राइव की भी दीदार हो जाएगा.
गंगा किनारे बनाया गया सभ्यता द्वार अब लोगो के लिए पर्यटक स्थल बन गया है. आप इस गेट को देखने के बाद यही कहेंगे की फतेहपुर सिकरी का बुलंद दरवाज़ा, दिल्ली का इंडिया गेट और मुम्बई का गेटवे ऑफ इंडिया की तरह ही बिहार का सभ्यता द्वार बना है.
सभ्यता द्वार के दीदार पर आपको ऐसा महसूस होगा जैसे आप गौरवशाली दौर नज़ारा ले रहे है. आपको उस वक्त की कल्पना में डूब जाएंगे जब पाटलिपुत्र अंतर्राष्ट्रीय व्यापार केन्द्र था. बिहार और प्राचीन पाटलिपुत्र के गौरव का अहसास कराने वाली सभ्यता द्वार बिहार के प्राचीन इतिहास को बयान करती है.