उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव में उम्मीद से खराब नतीजे आने के बाद सत्ताधारी पार्टी बीजेपी की चिंता बढ़ गई है. इस उपचुनाव में बीजेपी का मत प्रतिशत भी गिर गया है. दूसरी ओर समाजवादी पार्टी को मजबूती मिली है. सपा ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की है, पहले उसके पास 11 सीटों में से महज एक ही सीट थी.

इसके अलावा पांच सीटों पर सपा दूसरे स्थान पर रही. सपा के बढ़ते कदम ने बीजेपी को चिंता में डाल दिया है. अब बीजेपी इस बात का बदला लेने के लिए सपा मुखिया अखिलेश यादव के गढ़ में उन्हें घेरने का प्लान बना रही है. दरअस्ल विपक्षी दल लगातार बीजेपी पर पिछड़ों की उपेक्षा का आरोप लगाता रहा है.

उनका कहना है कि बीजेपी ने पिछड़ों को लालीपाप थमाकर सत्ता हासिल कर ली और अब उनकी अनदेखी की जा रही है. विपक्ष के इसी आरोप का जवाब देने के लिए बीजेपी अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में पहली बार किसी पिछड़े को अध्यक्ष पद की कुर्सी देने पर विचार कर रही है.

बीजेपी संगठन के होने वाले चुनाव में आजमगढ़ से किसी पिछड़े को जिलाध्यक्ष या मंडल अध्यक्ष जैसे अहम पद दे सकती है. इसका फायदा बीजेपी को ये होगा कि वो विपक्ष की बोलती भी बंद कर देगी और आजमगढ़ में रहने वाले 40 प्रतिशत पिछड़ों को भी अपने साथ जोड़ने की शुरूआत करेगी.

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