महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर बीजेपी की ओर से की गई जल्दबाजी के बाद से ही पार्टी की काफी फजीहत हो रही है. रातोरात सरकार बनाने को लेकर चर्चा चल ही रही थी कि अचानक मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ये कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि हमारे पास बहुमत नहीं है.

इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर तो बीजेपी विरो’धी मीम्स की बाढ़ सी आ गई. अभी तक बीजेपी आलाकमान के जिस फैसले को मास्टरस्ट्रोक बताया जा रहा था अब उसपर ही सवाल उठने लगे हैं. ये सवाल बाहर के अलावा बीजेपी के अंदर से पूछे जाने लगे हैं कि आखिर सरकार बनाने की ऐसी क्या जल्दी थी कि बिना सोचे समझे अजित पवार का समर्थन ले लिया.

सवाल ये भी पूछा जा रहा है कि पिछले चुनाव में जो बीजेपी अजित पवार को सलाखों के पीछे भेजने की बात करती थी आखिर उसे ऐसी क्या जल्दी थी कि उसी अजित पवार का समर्थन लेकर सरकार बना ली.

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष एकनाथ खड़से से पार्टी के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि मेरी निजी राय ये है कि पार्टी को अजित पवार का समर्थन नहीं लेना चाहिए था. उनपर सिंचाई घोटाले के गंभीर आरो’प हैं. हमने उनके साथ गठबंधन नहीं करना चाहिए था.

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