2022 में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले ही राज्य की सियासत में हलचल तेज हो गई है. बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती पंजाब चुनाव में उतरने का एलान कर चुकी हैं. बताया जा रहा है कि बसपा का अकाली दल से गठबंधन का रास्ता साफ हो गया है और जल्द ही इसका औपचारिक एलान कर दिया जाएगा.
कृषि कानूनों को लेकर शुरू हुए विरोध के बाद शिरोमणि अकाली दल ने भाजपा से अपना नाता तोड़ लिया था. अकाली दल को बसपा के रूप में अब नया साथी मिल गया जिसके साथ वो पंजाब विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाने जा रही है.
अब ये बात साफ हो चुकी है कि आगामी पंजाब विधानसभा चुनाव बसपा और शिरोमणि अकाली दल मिलकर लड़ेंगे. दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे का फार्मूला भी तय हो गया है. खबर है कि अकाली दल ने बसपा को 18 सीट देने पर हामी भर दी है, हालांकि अभी इसका औपचारिक एलान होना बाकी है.
बता दें कि पंजाब में दलितों का लगभग 34 फीसदी वोटबैंक है. अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल चुनाव जीतने के बाद दलित समुदाय से उपमुख्यमंत्री बनाने का एलान कर चुके हैं. पिछले कुछ दिनों से शिअद और बसपा के बीच बैठकों का दौर चल रहा है.
पंजाब में बसपा 35 से 40 सीटें मांग रही थी जबकि अकाली दल 18 सीटों से ज्यादा देने पर राजी नहीं था. कई दौर की बातचीत के बाद अब दोनों दलों में सहमति बन गई है. बसपा से गठबंधन को अमली जामा पहनाने के लिए जल्द ही अकाली दल के प्रमुख लखनऊ आएंगे और मायवती से मुलाकात करेंगे.