लोकसभा चुनाव में 10 सीटें जीत कर बीजेपी के लिए आगे चुनौती देने का संकेत देने वाली बहुजन समाज पार्टी का हाल ही में हुए विधानसभा उपचुनाव में सूपड़ा साफ़ हो गया. कुल 11 सीटों पर उपचुनाव हुए थे. जिसमें सपा ने 3 में जीत दर्ज की. जबकि बसपा एक भी सीट निकालने में सफल नहीं हो पायी. इस बीच कई बसपा नेताओं ने बीजेपी का रुख किया. कुछ ने सपा का दामन थामा.
वहीं अब बीजेपी की नजरें बसपा के दलित वोट बैंक पर हैं. जिसमें सेंध लगाने के लिए योजना बन चुकी है. पार्टी संविधान दिवस के जरिए दलितों के दिलों में अपनी जगह बनाने की कोशिश करेगी. इसके लिए योजना तैयार की गयी है. जिसकी जिम्मेदारी पार्टी के अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ को सौंपी गयी.
संविधान दिवस 26 नवंबर को पार्टी विशेष कार्यक्रम का आयोजन करेगी. अनुसूचित जाति मोर्चा के आजमगढ़ के जिलाध्यक्ष सुक्खू राम भारती ने कहा कि भारतीय संविधान पूरे विश्व में खास स्थान रखता है. जिसके निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर ने 26 नवंबर 1949 को सौंपा था.
इस दिन को एतिहासिक बनाने के लिए भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने आगामी 28 नवंबर को मोर्चा के संयोजकत्व में बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के सम्मान में संविधान दिवस मनाने का निर्णय लिया है.
अनुसूचित मोर्चा के प्रदेश महामंत्री शेषनाथ ने कहा कि संविधान शिल्पी का सम्मान आज तक कभी किसी ने नहीं किया. पार्टियां डॉ. अम्बेडकर के नाम पर रोटी सेंकती हैं, मगर सम्मान की बात आने पर मुकर जाती हैं. भाजपा की संविधान में पूर्ण निष्ठा है. यही वजह है कि उनके सम्मान में पांच महत्वपूर्ण स्थानों को पंचतीर्थ के नाम पर विकसित कर उनके विचारों को मजबूत करने का काम किया.