कोरोना काल के इस दौर में पेश हुए बजट के बाद विपक्ष सत्ता पक्ष पर हमलावर है. और इसे बेचने वाला बजट बताया है. कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने भी बजट को लेकर सरकार को निशाने पर लिया. कहा कि बजट भाषण के दौरान ऐसा लग रहा था जैसे कोई सेल हो रही हो. रेल बेच दो, सरकारी बैंक बेच दो. ये बजट था या कोई बेचने की प्रतियोगिता?
वल्लभ ने कहा कि मुझे पहले एक घंचे लगा कोई सेल चल रही हो बिजली के तार, शिपिंग कार्पोरेशन बेच दो, सरकारी बीमा बेच दो. ये तो बेचने की प्रतियोगिता था. मैं बीजेपी के प्रतिनिधि से सवाल पूछना चाहता हूं कि युवाओं के रोजगार सृजन के लिए प्रत्यक्ष रुप से क्या घोषणा की गई इसके अलावा मेरा दूसरा सवाल है कि एमएसएमई के लिए 15 हजार करोड़ का आवंटन यानी प्रति यूनिट 2400 रुपये देता है.
इस महामारी के संकट में ऐसा करना मजाक है उन्होंने किसान सम्मान निधि पर भी सवाल पूछा और कहा कि इसमें पर किसान को प्रतिवर्ष 6 हजार मिलते हैं तो इसमें आवंटन क्यों घटा दिया इसका क्या मतलब है कि अब सारे किसानों को पैसा नहीं मिलेगा?
वल्लभ के सवालों का जवाब देते हुए भाजपा प्रवक्ता सैयद जफर इस्लाम ने कहा कि जब ये कहते हैं कि सेल हुई है तो हम बताना चाहते हैं वो नागरिकों का असेट है और उन्हीं के फायदे के लिए है. ये साइकल चलते रहना चाहिए. जो असेट बिकता है उससे नए अवसर मिलते हैं. नई संभावनाओं के द्वार खुलते हैं.