यूपी की 11 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव को लेकर यूपी के लोगों ने कोई सरगर्मी नहीं दिखाई, लोग घरों से बाहर नहीं निकले. इन सीटों पर होने वाले उपचुनाव के नतीजे 24 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे.
लेकिन लखनऊ की कैंट सीट में इस बार पिछली बार की तरह उत्साह नहीं दिखाई दिया. इस कारण सत्ताधारी पार्टी भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी है. इस सीट पर सबसे कम मतदान साल 1991 के विधानसभा चुनाव में हुआ था. वहीं सोमवार को हुए इस मतदान में कुल 29.55 लोगों ने ही वोट ड़ाले.
गौरतलब है कि इस सीट से भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी विधायक थी, लेकिन लोकसभा चुनाव में इलाहाबाद से सांसद चुने जाने के बाद यह सीट खाली हुई थी. साल 2012 को छोड़ दे तो 1991 से ही इस सीट पर भाजपा का कब्जा रहा. रीता बहुगुणा जोशी ने ही साल 2012 में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर भाजपा के उम्मीदवार को हराया था.
इस सीट से 1996 से 2007 तक लगातार विधायक रहे सुरेश तिवारी को टिकट दिया. वहीं सपा ने इस बार मेजर आशीष चतुर्वेदी को मैदान में उतारा था. मेजर आशीष चतुर्वेदी ने कहा कि सपा इस बार लखनऊ कैंट में परचम लहराने जा रही है. वहीं पहली बार उपचुनाव में हिस्सा ले रही बसपा ने भी जीत का दावा किया है.