लोक जनशक्ति पार्टी में चाचा और भतीजे के बीच चल रही सत्ता संग्राम की लड़ाई आज चुनाव आयोग के दफ्तर तक पहुंच गई. चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस दोनों ही पार्टी के अध्यक्ष पद पर अपना-अपना दावा कर रहे हैं.

शुक्रवार को चिराग पासवान अपने समर्थकों के साथ चुनाव आयोग के दफ्तर पहुंचे और उन्होंने दावा किया कि कार्यकारिणी का बहुमत उनके साथ है. चिराग ने दावा किया कि बागियों ने पार्टी संविधान के खिलाफ काम किया है इसलिए उन्हें मान्यता नहीं दी जा सकती.

चिराग पासवान ने कहा कि पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मुझे अध्यक्ष चुना गया था. संवैधानिक प्रक्रिया के अंतर्गत मैं ही पार्टी का अध्यक्ष हूं.

उन्होंने कहा कि अगर कोई ऐसा दावा करता है कि वो अध्यक्ष है तो वो दावा गलत है. इस मसले पर हमने केंद्रीय चुनाव आयोग को सूचित कर दिया है, उन्होंने हमें उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया है.

चिराग पासवान ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ने बिना हमारी पार्टी के संविधान जाने फैसला देकर गलती कर दी है. उन्होंने कहा कि मैं लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात करूंगा और उन्हें अपनी पार्टी के संविधान के बारे में बताऊंगा. चिराग ने कहा कि हमने 10 लोगों को पार्टी से निलंबित कर दिया है जिसमें पांच सांसद भी शामिल हैं.

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