इसे वक्त-वक्त की बात कही जाए या कुछ और…कभी तीन जजों के साथ प्रेस कांफ्रेंस कर इतिहास रचने वाले भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने अपने रिटायरमेंट से ठीक पहले जजों को मीडिया से दूर रहने की सलाह दे डाली.

दैनिक भास्कर के मुताबिक चीफ जस्टिस रंजन गोगोई अंतिम कार्य दिवस के दिन होने वाले चीफ जस्टिस एसए बोबड़े के साथ अदालत पहुंचे और सिर्फ तीन मिनट तक ही कोर्ट में बैठे. इस दौरान उन्होंने 10 मामलों में नोटिस व स्टे का आदेश देकर कहा आप सभी को धन्यवाद.

भास्कर के मुताबिक चीफ जस्टिस गोगोई ने अपने साथी जजों को मीडिया से दूरी बनाए रखने की सलाह दी. उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करने के बजाए लिखित बयान जारी किया.

रंजन गोगोई ने कहा, ”बेंच की अपने जजों से अपनी स्वाधीनता का प्रयोग करते समय ‘मौन’ बनाए रखने की अपेक्षा होती है. ऐसा नहीं है कि जज बोलते नहीं. वे बोलते हैं, लेकिन जब उनके कार्य की अनिवार्यता हो. इससे आगे बिल्कुल नहीं.”

रंजन गोगोई सुर्खियों में तब आए थे उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के तीन अन्य जजों के साथ मिलकर 12 जनवरी 2018 को तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के ख़िलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. भारतीय न्यायव्यवस्था के इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट के जजों ने इस तरह प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी.

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