उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना महामारी से निपटने की तैयारी की समीक्षा करने के लिए आज इटावा और कानपुर के दौरे पर थे. सीएम योगी पहले इटावा पहुंचे और वहां पर निरीक्षण करने के बाद उनका हेलीकॉप्टर लगभग दो बजे कानपुर पुलिस लाइन पहुंचा. सीएम वहां से सर्किट हाउस गए और उसके बाद कोविड कमांड कंट्रोल सेंटर का निरीक्षण कर केडीए सभागार में समीक्षा बैठक करने पहुंच गए.
सीएम योगी के कानपुर दौरे के दौरान समाजवादी पार्टी के विधायकों और बड़े नेताओं को पुलिस ने सुबह से ही उनके आवास पर नजरबंद कर दिया. विधायकों ने प्रशासन से कहा कि तय प्रोटोकॉल के मुताबिक उन्हें भी सीएम की समीक्षा बैठक में शामिल होना है मगर पुलिस ने उन्हें जाने नहीं दिया.
पुलिस की इस कार्यशैली से नाराज आर्यनगर विधायक अमिताभ बाजपेई ने सिर मुंडवाकर अपना विरोध दर्ज करवाया और कोविड के दौरान जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि पेश की. सीसामऊ सपा विधायक इरफान सोलंकी को भी पुलिस ने उनके घर पर ही नजरबंद कर दिया.
समाजवादी पार्टी व्यापार सभा के प्रदेश महासचिव अभिमन्यु गुप्ता को भी आज सुबह से ही उनके आवास कैंट में पुलिस ने नजरबंद कर दिया. अभिमन्यु गुप्ता कोविड इलाज में अव्यवस्था, लूट व संवेदनहीनता की शिकायत के साथ मुख्यमंत्री से व्यापारियों के लिए बिजली बिल माफी, मुफ्त राशन व 10 लाख रुपये मुआवजे की मांग कर रहे थे.
आज वो मुख्यमंत्री से मिलकर उनतक अपनी बात पहुंचाना चाहते थे, साथ ही मुख्यमंत्री से तीसरी वेव के लिये अभी से तैयारी करते हुए बच्चों के लिए 10000 आइसोलेटेड बेड व 5000 आईसीयू बेड बनवाने की मांग करना चाह रहे थे.
अभिमन्यु गुप्ता ने नज़रबन्दी की कार्यवाही को गलत बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सपा नेताओं से न मिलकर ज़मीनी हक़ीक़त से खुद को दूर रखना चाहते हैं और इस से प्रमाणित होता है की वो सिर्फ अच्छा ही देखना, अच्छा ही सुनना चाहते हैं. यह अलोकतांत्रिक तरीका है सच को दबाने का.
उन्होंने कहा कि हर किसी का अधिकार है मुख्यमंत्री पर इसलिए मुख्यमंत्री को बिना भेदभाव अपनी बात रखने का मौका हर को ज़रूर देना चाहिए. समाजवादी पार्टी ही ज़मीनी हक़ीक़त से रुबरु करवा सकती है.