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देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में गंगा-यमुना जैसी पवित्र नदियों और उनके किनारों पर लाशें मिलने का सिलसिला लगातार जारी है. ये मृतक कोरोना पीड़ित हैं या नहीं ये जांच का विषय है मगर नदियों के किनारे से जो तस्वीरें और वीडियो सामने आ रहे हैं वो बेहद ही भयावह हैं. शायद ऐसी तस्वीर इससे पहले आजाद भारत के इतिहास में कभी नहीं देखी गई.

कोरोना से हुई मौतों के सरकारी आंकड़ों और श्मशान-कब्रिस्तान के आंकड़ों के बहुत ज्यादा फर्क है यहीं वजह है कि विपक्ष सरकार पर इसे लेकर जोरदार तरीके से निशाना साध रहा है.

कांग्रेस पार्टी की ओर से उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा गया कि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर कोरोना से हुई मौतों के आंकड़े छिपाने का गंदा खेल खेल रही हैं.

मंगलवार को कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि जब से कोरोना काल शुरू हुआ है, तब से लेकर अभी तक सरकारी आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 2268 मौतें बताई गई हैं.

उन्होंने कहा कि अब से नगर निगम बिना CMO के प्रमाणित किये “मृत्यु प्रमाण पत्र” जारी नहीं कर सकता है. हम सभी यह जानना चाहते हैं कि सरकार ने यह निर्णय क्यों लिया. इन आंकड़ों को छुपाने में जो मिलीभगत की जा रही है वह बंद होनी चाहिए, क्योंकि सिर्फ प्रदेश की जनता ही नहीं बल्कि पूरे देश की जनता यह जानना चाहती है कि आखिर सच क्या है.

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि अब यह पूरी तरह साफ हो चुका है कि केंद्र सरकार और कुछ राज्य सरकारों के साथ मिलकर मौत के आंकड़ों को छुपाने का, दबाने का एक बहुत ही कुत्सित और गंदा खेल खेला जा रहा है.

सुप्रिया ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि सबकुछ काबू में हैं लेकिन गंगा नदी में बेजुबान आंकड़े तैर रहे हैं, और वास्तविक मौत के जो आंकड़े आ रहे हैं वो कुछ और कह रहे हैं.

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