एक कांस्टेबल जिसने दस साल बाद देश की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी की परीक्षा पास की और आईपीएस बन गए. जिन्हें वह सर कह रहे थे अब वही उन्हें सैल्यूट कर रहे हैं. यही नहीं फिरोज आलम दसवीं में 51 प्रतिशत अंक लाने के बाद अगले साल ग्यारहवीं कक्षा में वह फेल भी हो गये थे. इसके बाद 12वीं कक्षा में वह 58 प्रतिशत अंकों से पास हुए.

साल 2010 में वह दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल बन गए. जिसके बाद उन्होंने ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई की और अफसर बनने के लिए यूपीएससी की परीक्षा पास करने की कोशिश करते थे.

कई बार प्रयास करने के बाद उन्हें साल 2019 में अपने छठे प्रयास में सफलता मिली. फिरोज ने बताया कि 31 मार्च 2021 का दिन पुलिस कांस्टेबल पद पर उनका आखिरी दिन था और इसके अगले दिन जब वह कंधे पर सितारों वाली वर्दी के साथ एसीपी के तौर पर दिल्ली पुलिस बल में दोबारा शामिल हुए तो फर्क इतना था कि पहले उन्हें भाई कहने वाले उनके साथी कांस्टेबल अब उन्हें सर बुला रहे थे. वह दस साल तक जिन्हें सर बुलाते रहे अब वह उनके समकक्ष खड़े थे.

उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के पिलखुवा कोतवाली थाना क्षेत्र गांव आजमपुर दह्पा में जन्मे फिरोज के पांच भाई और तीन बहनें हैं. उनके पिता मोहम्मद कबाड़ी का काम किया करते थे.

फिरज कहते हैं कि अफसर के तौर तरीके और उनका रुआब देखने के बाद उन्होंने भी अफसर बनने की ठान ली और इसके लिए पूरे मन से तैयारी में लग गए. सफलता न मिलने पर हिम्मत जवाब देने लगी, इस दौरान राजस्थान के कांस्टेबल विजय सिंह गुजर यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईपीएस कैडर में पहुंचे तो फिरोज की उम्मीद एक बार फिर जग उठी और 2019 में यूपीएससी की परीक्षा पास करली.

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