
गोरखपुर के बीआरडी कालेज एंड हास्पिटल के शिशु रोग विभाग के निलंबित डाक्टर कफील खान को दो साल की जांच के बाद निर्दोष साबित कर दिया गया है. दो साल बाद विभागीय जांच समिति ने क्लीनचिट दे दी है.
गौरतलब है कि 10 अगस्त 2017 को आक्सीजन की कमी के चलते बीआरडी अस्पताल में 70 बच्चों की मौत हो गई थी. इस समय ही डा. कफील खान को विभागीय लापरवाही, भ्रष्टाचार, और अपना कर्तव्य का ठीक से पालन न करने के काऱण उनको निलंबित कर दिया गया था. इस मामले में कफील खान को 9 महीने जेल में भी रहना पड़ा था. दो साल चली विभागीय जांच में वह निर्दोष पाए गए और उनको क्लीन चिट दे दी गई.

10 अगस्त को गोरखपुर के बीआरडी हास्पिटल में हुए इस कांड के समय डा. कफील खान ड्यूटी पर ही थे, आक्सीजन की सप्लाई खत्म होने के साथ ही आईसीयू विभाग में भर्ती कई बच्चों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था. डा. कफील खान ने तत्काल प्रभाव से आक्सीजन सिलिंडरों का अरेंज किया था.
इस घटना की शुरुआत में ही डा. कफील खान हीरो बनकर उभरे थे, लेकिन इनकी ये लोकप्रियता ज्यादा दिन नहीं चल सकी. दो सप्ताह के भीतर ही उनके ऊपर कार्रवाई हुई, और उनको लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित कर दिया गया. इसके साथ ही उनके खिलाफ विभागीय जांच बिठा दी गई. 2 सितंबर 2017 को उनको जेल भेज दिया गया. 25 अप्रैल 2018 को उनको कोर्ट से जमानत मिली.

जेल से बाहर आने के बाद डा. कफील खान ने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में गुहार लगाई थी. अब दो साल बाद उनको क्लीनचिट मिली है.