हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद सबकी निगाहें जननायक जनता पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला पर लगी हुई हैं. फिलहाल स्थिती ये है कि चौटाला जिसके पाले में चले जाते हैं उसकी सरकार बननी तय है. चौटाला ने एक बयान जारी करके सियासी हलकों में खलबली मचा दी है.

पहले ये माना जा रहा था कि चौटाला कांग्रेस के साथ जा सकते हैं मगर अब उन्होंने ये बयान दिया है कि हमारे लिए कांग्रेस और बीजेपी दोनों में से कोई अछूता नहीं है. शुक्रवार को दिल्ली में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में चौटाला ने कहा कि आज हमारी पार्टी के विधायकों की बैठक हुई, मुझे विधायक दल का नेता चुना गया है.

बीजेपी को समर्थन देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारे पास सभी विकल्प खुले हैं. हमारे लिए बीजेपी और कांग्रेस में कोई अछूता नहीं है. चौटाला ने साफ तौर पर कहा कि हम उस पार्टी को समर्थन देंगे जो हमारे एजेंडे को आगे बढ़ाएगी. जो पार्टी हमारे कॉमन मिनिमम प्रोग्राम की बात मानेगा हम उसको अपना समर्थन देंगे.

उन्होंने कहा कि हमारा एजेंडा है कि प्रदेश में 75 प्रतिशत हरियाणवी रोजगार अधिकार, वृद्धावस्था पेंशन आदि विषयों पर जो भी सहमत होगी हम उसके साथ मिलकर सरकार बनाने की कोशिश करेंगे. बता दें कि 90 विधानसभा सीटों वाले हरियाणा में बहुमत के लिए 46 सीटें चाहिए.

हरियाणा में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है. बीजेपी को सबसे ज्यादा 40 सीटें हासिल हुई है. कांग्रेस को 31 तो दुष्यंत चौटाला की जेजेपी को 10 सीटें मिली हैं. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां चौटाला को अपने पाले में लाने की कोशिश में लगी हुई हैं.

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