संसद के दोनों सदनों से पारित होने वाले कृषि विधेयक के विरोध में देशभर में किसान आवाज उठा रहे हैं, प्रदर्शन कर रहे हैं. शुक्रवार को विधेयकों के खिलाफ देश में व्यापक प्रदर्शन दिखाई दिया. सरकार विधेयकों को किसान के हित में बता रही है. कहना है कि इससे किसानों की आय बढ़ेगी और बाजार उनके उत्पादों के लिए खुलेगा.
वहीं किसान संगठनों का कहना है कि ये विधेयक कृषि क्षेत्र को कॉर्पोरेट के हाथों में सौपने की ओर कदम है. इन विधेयकों के खिलाफ सबसे ज्यादा प्रदर्शन हरियाणा और पंजाब में देखने को मिल रहे हैं.
बठिंडा में किसानों और अन्य संगठनों ने बादल गांव जाने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया. मोदी सरकार में मंत्री रहीं हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफ़ा दिया है लेकिन फिर भी लोगों का गुस्सा उनके प्रति कम नहीं है. किसानों के पक्ष में कई यूनियन हैं.
दिल्ली-नोएडा सीमा पर भारतीय किसान यूनियन ने धरना दिया. सड़क जाम की. जबकि बिहार के पटना में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कृषि बिल के विरोध में सड़कों पर ट्रैक्टर चलाया. उनके भाई तेज प्रताप यादव ट्रैक्टर के ऊपर फावड़ा लेकर बैठे. पटना में ही अन्य कई दलों ने भी विरोध प्रदर्शन किया.
#WATCH Patna: Rashtriya Janata Dal (RJD) leader Tej Pratap Yadav sits atop a tractor while Tejashwi Yadav drives it, during the protest against #AgricultureBills passed in the Parliament. #Bihar pic.twitter.com/kHEyuX9kmy
— ANI (@ANI) September 25, 2020
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में फैजाबाद राजमार्ग को किसानों ने रोकने की कोशिश की. पराली जलाकर उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. बाराबंकी में भी किसानों ने हाइवे जाम कर पराली जलाई. लखनऊ के अहिमामऊ में प्रदर्शन कर रहे कुछ किसानों को गिरफ्तार किया गया.
किसानों के समर्थन में समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेता भी सड़कों पर उतरे. मेरठ, बागपत, मुजफ्फरपुर जैसे कई जिलों में किसान ट्रैक्टरों पर बैठकर आए और रास्ता जाम किया.
कृषि बिल के विरोध को लेकर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि कहीं भी एम्बुलेंस और आपातकालीन वाहनों को नहीं रोका जा रहा है और ऐसा न करने की किसानों को सख्त हिदायत दी गयी है.