कोलकाता नाइट राईडर्स और गुजरात टाइटंस के बीच आईपीएल 2022 का 35 वां मुकाबला खेला गया, रोमांच भरे इस मैच को गुजरात टाइटंस ने 8 रन से जीत लिया. इस मुकाबले में kkr ने 24 वर्षीय रिंकू सिंह को प्लेइंग इलेवन में शामिल किया था. इस सीजन से पहले भी रिंकू सिंह केकेआर का हिस्सा थे. आज हम आपको इस खिलाड़ी के बारे में बताएंगे. आखिर किस प्रकार संघर्ष की जिंदगी जीकर आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं रिंकू सिंह.

झाडू लगाने का काम करते थे रिंकू सिंहः 

रिंकू सिंह का जन्म उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था, इनका बचपन बहुत गरीबी में बीता. रिंकू अपने 5 भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर हैं. इनके पिता सिलेंडर डिलीवरी का काम करते हैं. रिंकू को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक था. लेकिन घर की आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के कारण उनका ये शौक उनसे दूर जाता चला गया.

उनके दोनों बड़े भाई आटोरिक्शा चलाते हैं. तो दूसरा भाई कोचिंग सेंटर में नौकरी करता है. रिंकू सिंह नौवी फेल हैं, ज्यादा पढे -लिखे ना होने के कारण उनको कोई अच्छी नौकरी भी नहीं मिल रही थी. उन्होंने अपने बड़े भाई से नौकरी की बात की तब जाकर उन्हें एक जगह झाड़ू लगाने की नौकरी मिली.

झाडू लगाने की नौकरी मिलने के साथ ही रिंकू को ये बात समझ में आ गई कि उनकी जिंदगी में परिवर्तन केवल एक ही चीज के कारण आ सकता है वो है क्रिकेट. तबसे ही रिंकू ने अपने क्रिकेट पर ध्यान देना शुरु कर दिया.

कुछ इस तरह किया संघर्ष और बनाई पहचानः 

दिल्ली में खेले गए टूर्नामेंट में जब उन्हें ‘मैन आफ द मैच’ के तौर पर एक मोटरसाइकिल मिली तो उसे उन्होंने अपने पिता को सिलिंडर डिलीवरी करने के लिए दे दिया. इसके अलावा रिंकू के घरवालों के ऊपर 5 लाख का कर्ज था, जिसे रिंकू ने क्रिकेट खेलते हुए चुकाया था.

रिंकू सिंह ने लिस्ट एक क्रिकेट में विदर्भ की तरफ से साल  2014 में डेब्यू किया था इसके अलावा उन्होंने घरेलू मुकाबलों में अपने बल्ले से कई मैचों में अपनी टीम को जीत दिलाई है.

kkr में रिंकू सिंह की अलग पहचान बनी हुई है. टीम में वो एक शानदार फील्डर के तौर पर जाने जाते हैं. गुजरात टाइटंस के किलाफ खेले गए मुकाबले में रिंकू ने धमाकेदार बल्लेबाजी करते हुए 28 गेंदों में 35 रन बनाए.

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