केंद्र की मोदी सरकार के लाख दावों के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था संभलने का नाम नहीं ले रही है. देश की सकल उत्पाद दर (जीडीपी) लगातार नीचे आ रही है. अब तो 5 प्रतिशत से घटकर 4.5 फीसद पर पहुंच गई है. शुक्रवार को वित्त मंत्रालय की ओर से चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के जारी आंकड़ों के अनुसार देश की अर्थव्यवस्था 5 प्रतिशत से घटकर 4.5 फीसदी पर पहुंच गई है. पिछली तिमाही में ये दर 5 प्रतिशत थी.

सर्वे में कहा गया कि रिजर्व बैंक एक बार फिर रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती कर सकता है. तीन से पांच दिसंबर चलने वाली एमपीसी बैठक में रेपो रेट को घटाकर 4.90 फीसदी पर की जा सकती है. आठ कोर सेक्टर में अक्तूबर महीने में 5.8 फीसदी की गिरावट देखने को मिली.

बिजली की खपत में कमी से यह गिरावट आई है. सितंबर माह में कोर सेक्टर 5.2 फीसदी गिर गया था.  कोर सेक्टर में मुख्यतः आठ इंडस्ट्री शामिल होती हैं. यह हैं कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, स्टील, सीमेंट, बिजली, फर्टिलाइजर और रिफाइनरी उत्पाद.

वहीं दूसरी तरफ पहले छह माह में राजकोषीय घाटा बढ़कर के 92.4 फीसदी हो गया. वहीं इस साल के लिए सरकार ने राजकोषीय घाटा जीडीपी का 3.3 फीसदी रहने की उम्मीद जताई थी. इन छह माह में सरकार ने कुल 14.89 लाख करोड़ रुपये खर्च किए, वहीं सरकार को कुल 8.37 लाख करोड़ रुपये की कमाई हुई थी.

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