साल 2022 अपने विदाई के चरण में है. नए साल 2023 का हर कोई बेसब्री से इंतजार कर रहा है. सरकार ने आने वाले नए साल में आम लोगों की जेब पर असर ना पड़े इसकी तैयारी शुरू कर दी है. किचन के बजट को प्रभावित करने वाले दाल और तेल के दाम पर भी सरकार की नजर है.

तेल और दाल की कीमतों को काबू में रखने के लिए बाजार में इन खाद्य उत्पादों की उपलबध्ता बढ़ाने के उपाए शुरू कर दिए हैं. जिसके लिए सरकार ने कम आयात शुल्क पर पाम तेल मंगाने की छूट दी है. वहीं दालों के आयात के लिए फ्री इम्पोर्ट पालिसी को एक साल और बढ़ा दिया है. इसके अलावा कपास के आयात पर शुल्क भी हटा दिया है.

सरकार ने खाद्य तेल की कीमतों को काबू में रखने के लिए साल 2021 में आयत शुल्क घटाया था. जिसकी अवधि 31 दिसम्बर, 2022 को समाप्त होने वाली है. इससे पहले ही सरकार ने इस अवधि को अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दिया है. इस फैसले से रिफाइंड पाम तेल का आयत कम टैक्स पर किया जा सकेगा. सरकार ने रिफाइंड पाम तेल पर आयत शुल्क 19.25 फीसदी से घटाकर 13.75 फीसदी कर दिया था. जिससे भारतीय कारोबारी सस्ती दरों पर पाम तेल का आयात कर सकेंगे और बाजार में भी इसकी कीमतों पर दबाव नहीं आएगा.

सरकार ने खुदरा बाजार में अरहर और उड़द की दाल के दाम कम रखने के लिए इसके आयात पर लागू फ्री-इम्पोर्ट पालिसी को 31 मार्च, 2024 तक के लिए बढ़ा दिया है. जिसका मतलब है कि कारोबारियों पर दाल के आयात के लिए कोई प्रतिबन्ध नहीं रहेगा और वे सालभर में कितनी भी मात्रा में दाल का आयात कर सकेंगे. इससे खुदरा बाजार में उपलब्धता बढ़ेगी और कीमतों पर लगाम रहेगी.

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