दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को मजबूती देने के लिए भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत बुधवार को हरियाणा के जींद जिले में कंडेला गांव में आयोजित महापंचायत में पहुंचे. कंडेला गांव की आंदोलन में एक अलग पहचान है. 19 साल बाद यहां फिर दोगुने उत्साह के साथ किसान आंदोलन की आवाज बुलंद दिखाई दी.

साल 2002 में बिजली के माफ़ करवाने के लिए कंडेला से ही आंदोलन की शुरुआत हुई थी. उस जमीन पर बुधवार को कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन में नया अध्याय जुड़ गया. यह पहला मौका है जब यहां इतनी बड़ी संख्या में किसान एकजुट हुए.

कंडेला खाप व गांव आंदोलन की धरती माना जाता है. राकेश टिकैत ने कंडेला गांव से लोगों का समर्थन मांगा. उन्होंने कहा कि अब जींद के कंधों पर भी आंदोलन की जिम्मेदारी है. महापंचायत के मंच से किसानों ने नेताओं को आश्वासन दिया कि जिले के लोग हर वक्त हर संघर्ष के लिए तैयार हैं. एक सन्देश पर जींद जिले के किसान दिल्ली पहुंचे जाएंगे. दूर-दूर तक किसानों की भीड़ ही नजर आ रही थी.

ख़ास बात यह भी थी कि महापंचायत में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं. राकेश टिकैत ने आंसुओं ने किसान आंदोलन को एक नया मोड़ दिया. अब उनकी लोकप्रियता काफी बढ़ी है. जींद महापंचायत के दौरान राकेश टिकैत की एक झलक पाने के लिए लोग पेड़, टावर और होर्डिंग पर भी चढ़े नजर आए. दूर-दूर तक जनसैलाब दिखाई दे रहा था.

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