
देश की सर्वोच्य अदालत से अयोध्या मामले का फैसला आने से पहले केंद्र सरकार हर स्तर पर तैयारी करने में जुटी है. फैसले से पहले सुरक्षा व्यवस्था से लेकर बैठकों का दौर शुरू हो गया है. इसी सिलसिले में आज केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के आवास पर मुस्लिम धर्मगुरूओं और आरएसएस नेताओं के बीच हाईलेवल मीटिंग हुई.
मीटिंग में शिया, सुन्नी, वहाबी सहित सभी मसलकों के धर्मगुरूओं के साथ-साथ बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन और फिल्म निर्माता मुजफ्फर अली भी मौजूद थे.
बता दें कि देश की सबसे बड़ी अदालत से देश के सबसे पुराने और सबसे बड़े मामले का फैसला जल्द ही आने वाला है. फैसला आने से पहले केंद्र और यूपी सरकार की ओर से किसी भी स्थिती से निबटने के लिए मुकम्मल इंतेजामात किए जा रहे हैं. मामला उत्तर प्रदेश से जुड़ा है लिहाजा इस फैसले का सबसे ज्यादा असर यहीं देखने को मिलेगा.

केंद्र सरकार ने किसी भी स्थिती ने निबटने के लिए यूपी में 4000 जवानों को भेजने का आदेश जारी कर दिया है. सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तत्काल प्रभाव से पैरामिलिट्री फोर्स की 15 कंपनियों के अलावा बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, आरएएफ, और एसएसबी की तीन-तीन कंपनियों को यूपी भेजने की मंजूरी दे दी.
अयोध्या मामले में सुप्रीमको’र्ट का फैसला आने वाले अगले सात कार्यदिवसों के भीतर आ सकता है. कारण कि उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. ऐसे में उनके कार्यकाल के बस सात कार्यदिवस ही शेष हैं. साफ है कि सुनवाई कर रही पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ इन्हीं दिनों में फैसला सुना सकती है.
Delhi: Meeting underway at Union Minister Mukhtar Abbas Naqvi’s residence ahead of Ayodhya verdict. Muslim clerics and Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) leaders present. pic.twitter.com/uDkzdVoqMg
— ANI (@ANI) November 5, 2019