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जनसंख्या नियंत्रण को लेकर बनाए जा रहे उपायों के बीच राज्य सरकार दो से अधिक बच्चों वालों के पंचायत चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का फरमान सुना सकती है. इसके समर्थन में खुद पंचायतीराज मंत्री भी हैं. केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बलियान समेत कुछ अन्य नेता मुख्यमंत्री को इस संबंध में पत्र लिख चुके है इस पर अंतिम फैसला सीएम योगी आदित्यनाथ को लेना है.

अगर ऐसा सूबे में होता है तो ये सूबे में उन लोगों के लिए बड़ा झटका ममाना जाएगा जिनके दो से अधिक बच्चे हैं और वो भी चुनाव की तैयारी में लगे हुए हैं. गौरतलब है कि जनसंख्या नियंत्रण कानून की भाजपा के वैचारिक व सियासी एजेंडे का हिस्सा माना जाता है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग टू चाइल्ड पालिसी बनाने पर भी विचार कर रहा है.

कुछ राज्यों में इसे लेकर पहले से ही कानून बनाए जा चुके हैं जिसके तहत दो से अधिक बच्चों वाले लोगों पर चुनाव लड़ने पर रोक है. प्रदेश के पंचायतीराज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी भी इस संदर्भ में सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलकर इस संबंध में सुझाव दे चुके हैं.

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इसी संदर्भ में केंद्रीय कृषि मंत्री संजीव बलियान की ओर से मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखा गया था जिसमें दो से अधिक बच्चों वालों के पंचायतीराज चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग की गई थी.

डा. बलियान में बताया कि प्रदेश में 25 से 30 लाख पंचायतीराज चुनाव लड़ते हैं. यदि ऐसे लोगों को चुनाव लड़ने से रोका जाएगा तो जनसंख्या नियंत्रण को प्रोत्साहन मिलेगा. इससे इस बार होने वाले पंचायती राज चुनावों में इसकी पहल की जाए. हालांकि पंचायती राज चुनाव वैसे तो अक्टूबर से दिसंबर के बीच प्रस्तावित थे.

लेकिन कोरोना के कारण चुनाव संबंधित तैयारियां नहीं हो पाई है. ऐसे में संभावना जातई जा रही है कि ये चुनाव अगले साल फरवरी से मई के बीच में हो सकती है. इनमें दो से अधिक बच्चों वाले लोगों पर सरकार इस बार रोक लगा सकती है.

इसके लिए उत्तर प्रदेश पंचायती राज एक्ट में संसोधन करना पड़ेगा. सरकार कानूनी राय लेने के बाद इस दिशा में कदम को बढ़ा सकती है. इसके साथ ही शैक्षिक योग्यता पर भी सरकार की ओर से विचार किया जा सकता है.

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