वैसे तो यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव के होने में काफी समय है इसके बावजूद विपक्षी दल से लेकर सत्ता पक्ष के लोगों ने अभी से ही तैयारियों को शुरु कर दिया है. विपक्षी दल सरकार को तमाम मुद्दों के तहत घेरने में जुटे हुए हैं. एक बार फिर से समाजवादी पार्ट और प्रसपा के बीच सुलह की संभावनाओं को उजागर किया जा रहा हे.

प्रसपा मुखिया शिवपाल सिंह यादव ने इशारे ही इशारों में कहा कि ये समय की मांग है जब समाजवादियों को एकजुट होना चाहिए. शिवपाल सिंह यादव ने गुरुवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि मेरी ये व्यक्तिगत आकांक्षा रही है कि समाजवादी धारा के लोग एक ही मंच पर आए, एक ऐसा तालमेल बनें जिससे सभी को सम्मान मिल सके और प्रदेश का विकास हो सके.

कहा कि मैं चाहता हूं कि एक बार फिर से साल 2022 के विधानसभा चुनाव में सभी एक मंच पर दिखें. कहा कि मेरे लिए ये नई बात नहीं हैं मैंने इस बात को पहले भी कहा था कि अगर हम लोहियावादियों, गांधीवादियों, चरणसिंहवादियों, धर्मनिरपेक्ष ताकतों को एक जगह पर ला सके तो सांप्रदायिक ताकतों को रोक जा सकता है.

गौरतलब है कि शिवपाल हाल के ही दिनों में इस बात को दोहरा चुके हैं कि वे समाजवादियों को एकजुट करने में कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हैं. शिवपाल से जब समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी संघर्ष के दम पर बनी थी, उसमें तीन दशक तक बहुत से समाजवादी विचारधारा के लोगों के साथ मैंने भी नेता जी के साथ संघर्ष किया है.

कहा कि मुझे उम्मीद है कि आने वाली पीढ़ियां भी संघर्ष का पथ चुनेंगी और जनता के हित को सर्वापरि स्थान देंगी. उन्होंने इस दौरान कहा कि विपक्ष के लिए ये निर्णायक घड़ी है अगर विपक्ष आज भी संघर्ष के लिए तैयार नहीं होता है तो आगे का रास्ता बहुत कठिन है.

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