अगर आप ट्रेन से सफर करते हैं तो आपने रेलवे स्टेशनों पर ट्रैक के इर्दगिर्द मोटे मोटे चूहे जरूर देखे होंगे. इन चूहों की बदौलत रेलवे को भारी भरकम नुकसान उठाना पड़ता है. ये चूहे रेलवे की केबिल, सिग्नल के तार, जरूरी कागजात और ट्रैक तक को नुकसान पहुंचाते हैं. इस नुकसान से बचने के लिए रेलवे इन्हें पकड़ने की व्यवस्था करता है.

अब जो जानकारी हम आपको देने जा रहे हैं उसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे. आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार भारतीय रेलवे का चेन्नई डिवीजन एक चूहा पकड़ने के बदले औसतन 22300 रूपये खर्च कर रहा है.

आरटीआई का जवाब देते हुए चेन्नई डिवीजन ने बताया कि वो पिछले काफी समय से चूहों से बहुत ज्यादा परेशान है. इसलिए उसने मई 2016 से अप्रैल 2019 तक 5.89 करोड़ रूपये खर्च कर डाले हैं.

चेन्नई डिवीजन से जब ये पूछा गया कि कितने चूहे पकड़े गए हैं तो उन्होंने सिर्फ 2018-19 की ही जानकारी देते हुए बताया कि 2636 चूहे पकड़े गए हैं, जिसमे चेन्नई सेंट्रल, चेन्नई एग्मोर, चेंगलपट्टू, तामब्रम और जोलारपेट रेलवे स्टेशन पर 1715 चूहे पकड़े गए हैं और रेलवे के कोचिंग सेंटर में 921 चूहे पकड़े गए हैं. इस हिसाब से देखें तो चेन्नई डिवीजन ने एक चूहा पकड़ने के एवज में औसतन 22,344 रुपये खर्च किए.

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