देश का सबसे बड़ा और पुराना विवाद अब सुलझने के कगार पर पहुंच चुका है. अब से लेकर 17 नवंबर से पहले किसी भी दिन देश की सर्वोच्य अदालत इस मामले में अपना फैसला सुना सकती है. तकरीबन 200 साल ये मामला चल रहा है. इससे पहले स्थानीय अदालत और इलाहाबाद हाईकोर्ट इस मामले में अपना अपना फैसला सुना चुके हैं मगर किसी भी पक्ष को ये फैसला मंजूर नहीं था.

अब मामला देश की सर्वोच्य अदालत के पास है. पांच जजों की पीठ ने इस मामले की सुनवाई पुरी कर ली है. अब इंतेजार है उस घड़ी का जब अदालत अपना फैसला सुनाएगी. फैसले से पहले केंद्र और राज्य सरकारें सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अलर्ट हो गई हैं.

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ऐहतियात के तौर पर यूपी के सभी शहरों में धारा 144 लगा दी गई है. जिला प्रशासन की ओर से सभी वर्गों के साथ बैठक का सिलसिला चल रहा है. कल दिल्ली में केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के घर पर संघ और मुस्लिम ओलेमाओं की हाईलेवल मीटिंग हुई थी. बुधवार को जमीअत ओलेमा ए हिंद की ओर से इस मामले में एक बयान जारी किया गया.

अयोध्या मामले पर जमीअत का कहना है कि ऐतिहासकि तथ्यों के आधार पर मुस्लिम पक्ष ये दावा करता है कि अयोध्या में मस्जिद का निर्माण किसी हिं’दू मंदि’र को गिराए बिना किया गया था. हालांकि हम अपने रुख को दोहराते हैं कि को’र्ट जो भी फैसला सुनाएगा, हम उसे स्वीकार करेंगे. इसके साथ ही जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने मुसलमानों और अन्य नागरिकों से को’र्ट के फैसले का सम्मान करने की अपील भी की है.

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