यूपी के झांसी में हुए तथाकथित फर्जी एन’काउंटर का शिकार हुए पुष्पेंद्र यादव मामले में रविवार सुबह उनकी दादी की मौ’त हो गई. परिजनों का आरोप है कि पुष्पेंद्र की मौ’त के बाद लगातार उनकी दादी रो रही थी. जिसके कारण उनकी  स’दमें से मौ’त हो गई है. एक हफ्ते में ही एक परिवार में दो लोगों की मौ’त के बाद पूरे गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है.

दादी की मौ’त के बाद पूरे गांव के लोगों का घर के बाहर जमावड़ा लगा हुआ है. हालांकि अंतिम सं’स्कार कर दिया गया है इस दौरान सैकड़ों लोगों ने नम आंखो से अंतिम विदाई दी.

गौरतलब है कि 6 अक्टूबर की सुबह मोंठ इंस्पेक्टर पर गो’ली चलाने वाले पुष्पेंद्र यादव को पुलिस ने मुठ’भेड़ में मा’र गिराया था. पुलिस के मुताबिक गुरसराय इलाके में पुलिस टीम को देखकर पुष्पेंद्र यादव ने फायरिं’ग की. पुलिस की ओर से की गई जवाबी कार्रवाई में पुष्पेंद्र घा’यल हो गया था, इसके बाद पुलिस पुष्पेंद्र को लेकर जिला अस्पताल पहुंची थी, जहां डाक्टरों ने उसे मृ’त घोषित कर दिया था.

सपा मुखिया अखिलेश यादव ने साफ तौर पर कहा कि ये एनकाउंट’र नहीं ह’त्या है. विजयादशमी के सुबह से पहले रात के अंधेरे में सत्ता की ताकत को झोंककर पुष्पेंद्र यादव का अंतिम संस्कार कर सरकार ने न्याय की चि’ता जलाई है. सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि दरोगा के खिलाफ 302 का मुक’दमा दर्ज किया जाए.

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