केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों का विरोध जारी है. किसान बीते ढाई महीने से दिल्ली से सटी सीमाओं पर इतनी ठंड और बारिश के बावजूद बैठे हुए हैं. किसानों की मांग है कि सरकार नए कृषि कानूनों को वापस ले और एमएसपी पर नया कानून बनाए. धरने के अलावा अब किसान अलग-अलग जगहों पर महापंचायत भी कर रहे हैं.

इसी क्रम में आज हरियाणा के कितलाना टोल प्लाजा पर एक किसान महापंचायत का आयोजन किया गया. किसान नेता राकेश टिकैत, दर्शन पाल सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल की मौजूदगी में हुई इस महापंचायत में लगभग 15 हजार किसान मौजूद थे. किसान महापंचायत में पांच प्रस्ताव पारित किए गए.

राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ये बात भली भांति समझ ले कि किसानों की मांग पूरी न होने तक आंदोलन जारी रहेगा. संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य दर्शनपाल सिंह ने कहा कि 26 जनवरी के बाद सरकार ने दमनकारी नीतियां अपनाई हैं लेकिन किसान संगठनों और खापों की मदद मिलने से किसान आंदोलन अब और मजबूत हो गया है. उन्होंने कहा कि सरकार ये बात समझ ले कि अब किसान पीछे हटने वाला नहीं है.

किसान नेता बलबीर सिंह ने कहा कि किसान जमीन से अलग नहीं रह सकता. उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस के लोग गुमराह करने में लगे हुए हैं लेकिन वो कभी सफल नहीं होंगे. किसान इनके मंसूबों को पूरा नहीं होने देगा.

जिन पांच प्रस्ताव पर किसानों की मुहर लगी है उनमें कहा गया है कि कृषि कानून वापस लिए जाएं और एमएसपी की गारंटी तय हो. किसानों पर जो झूठे मुकदमें लगे हैं वो रद्द किए जाएं. दिल्ली परेड में गिरफ्तार युवाओं को रिहा किया जाए. किसानों के जब्त वाहनों को छोड़ा जाए. एनएच 152 के लिए अधिग्रहित की गई जमीन का उचित मुआवजा किसानों को दिया जाए.

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