बिहार के दिवंगत नेता रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी में बड़ी टूट हो गई है. पार्टी के पांच सांसदों ने मिलकर चिराग पासवान को पार्टी अध्यक्ष और ससंदीय दल के नेता पद से हटाकर चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस को नया मुखिया चुन लिया है.

पशुपति पारस को राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ संसदीय दल के नेना का भी जिम्मा सौंपा गया है. रविवार देर शाम सांसद पशुपति पारस, चौधरी महबूब अली कैसर, वीणा सिंह, चंदन सिंह और प्रिंसराज की बैठक में ये फैसले लिए गए.

बैठक के बाद पांचों सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला को इस फैसले की जानकारी देते हुए आधिकारिक पत्र भी सौंप दिया है. सोमवार को सभी सांसद चुनाव आयोग को भी इस बात की जानकारी देंगे.

पशुपति पारस गुट ने कहा है कि इसे पार्टी में टूट कहना गलत होगा, एलजेपी में कोई टूट नहीं हुई है, यहां सिर्फ मुखिया को बदला गया है. बताया जा रहा है कि पशुपति पारस जल्द ही केंद्र सरकार में मंत्री बनाए जा सकते हैं.

बता दें कि साल 2019 में जब केंद्र में दोबारा एनडीए की सरकार बनी थी तो यू फार्मूला बनाया गया था कि सहयोगी दलों को मंत्रीपरिषद में एक-एक सीट दी जाएगी. इसी कोटे से दिवंगत नेता रामविलास पासवान मंत्री बने थे मगर उनके निधन के बाद इस कोटे से अभी तक किसी को मंत्री नहीं बनाया गया है.

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