महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक गतिरोध का चैप्टर मंगलवार को कहीं तक समाप्ति की ओर पहुंच गया, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति शासन संबंधी उद्घोषणा पर हस्ताक्षर किए, जिसके बाद महाराष्ट्र में विधानसभा निलंबित कर दी गई.
इसके पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश की गई थी. राज्य में पिछले महीने हुए विधानसभा चुनाव के परिणामों के 21 दिन बाद भी कोई सरकार नहीं बना पाया था.
अधिकारियों ने बताया, ‘‘ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने संबंधी उद्घोषणा पर हस्ताक्षर किये । महाराष्ट्र विधानसभा निलंबित अवस्था में रहेगी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुलाई गई बैठक में महाराष्ट्र के राजनीतिक हालात पर चर्चा की गई, इसके बाद प्रदेश में केंद्रीय शासन लगाने का राष्ट्रपति से अनुरोध करने का निर्णय लिया गया.
शिवसेना ने सोमवार को दावा किया था कि राकांपा और कांग्रेस ने उसे महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए सैद्धांतिक रुप से सरकार बनाने के लिए समर्थन देने का वादा किया है, लेकिन राज्यपाल की ओर से तय की गई समयसीमा के भीतर समर्थन पत्र पेश करने में विफल रही.
कांग्रेस ने मंगलवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोशायारी द्वारा राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करने के लिए आलोचना की और कहा कि उन्होंने न्याय का हनन किया और संवैधानिक प्रक्रिया का मजाक बनाया है.
Raj Bhavan Press Release 12.11.2019 3.16 PM pic.twitter.com/qmlQA6ghBR
— Governor of Maharashtra (@maha_governor) November 12, 2019