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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नतीजे आने के बाद सरकार बनाने को लेकर शुरू हुआ सियासी नाटक अभी तक जारी है. बीते कुछ घंटों में इतने फेरबदल हुए हैं कि शायद ही कभी ऐसी स्थिती उत्पन्न हुई हो. बीजेपी-शिवसेना की राहें जुदा होने के बाद जिस तरह की खबरें आ रही थी उससे ये लगने लगा था कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस मिलकर सरकार बना लेंगे.

शाम तक स्थिती सामान्य रही मगर कांग्रेस और एनसीपी दोनों ने अपने पतते नहीं खोले. मीटिंगों को दौर सभी तरफ चल रहा था. राज्यपाल की ओर से दिए गए समय के मुताबिक शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे कई वरिष्ठ नेताओं के साथ राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे.

राजभवन पहुंचने तक उनके साथ एनसीपी और कांग्रेस की ओर से समर्थन का आश्वासन दिया जाता रहा मगर दोनों ही पार्टियों ने समर्थन पत्र शिवसेना को नहीं सौंपा. शिवसेना ने राज्यपाल से कहा कि उनके पास सरकार बनाने के लिए नंबर तो मौजूद है मगर उन्हें 48 घंटे का समय दिया जाए.

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राज्यपाल ने शिवसेना को और समय देने से इंकार कर दिया. इस बदलते घटनाक्रम के बीच राजभवन की ओर से तीसरी बड़ी पार्टी एनसीपी को सरकार बनाने के लिए बुला लिया गया.

अब मुश्किल ये है कि कांग्रेस एनसीपी के पास बहुमत का आंकड़ा तभी जुटेगा जब शिवसेना समर्थन दे. अब देखना ये है कि एनसीपी कांग्रेस और शिवसेना दोनों को तय समय में किस तरह मना पाती है.

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