उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सभी राजनैतिक दलों ने अपनी सियासी बिसात बिछानी शुरू कर दी है. कोई सम्मेलन कर रहा है तो कोई यात्राएं निकाल जनता से जुड़ने की कोशिश कर रहा है. प्रदेश की राजनीति में सक्रिय सभी प्रमुख दल सियासी गुणाभाग में लगे हुए हैं.

इसी क्रम में बहुजन समाज पार्टी प्रबुद्ध सम्मेलन कर रही है. मंगलवार को राजधानी लखनऊ में हुए प्रबुद्ध सम्मेलन को संबोधित करते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने ये एलान कर दिया कि बसपा सरकार बनने के बाद ब्राह्मणों के खिलाफ हुए एक्शन की जांच कराएंगे, जांच में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.

मायावती ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के राज में ब्राह्मणों पर अत्याचार बढ़ा है, बसपा सरकार के दौरान उनकी सुरक्षा व सम्मान का पूरा ध्यान रखा जाएगा.

उन्होंने कहा कि बसपा सरकार में हमेशा कानून का राज स्थापित किया गया है, हम किसी से भेदभाव नहीं करते हैं, ब्राह्मण समाज के लोग अब भाजपा सरकार से मुक्ति पाना चाहते हैं.

किसानों के मुद्दे पर बात करते हुए मायावती ने कहा कि भाजपा ने किसानों का वोट लेते हुए वादा किया था कि किसानों की आमदनी दोगुना बढ़ा दी जाएगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं.

उन्होंने कहा कि बसपा सरकार आने के पर उत्तर प्रदेश में तीन नए कृषि कानून लागू नहीं होने देंगे. बसपा सुप्रीमो ने कहा कि जब हमारी सरकार थी तो किसानों को गन्ने का दाम 125 रूपये प्रति क्विंटल था जिसे हमने दोगुना कर दिया.

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