image credit-getty

उत्तर प्रदेश में उपचुनाव के पहले मायावती की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. राजस्थान में बसपा के 6 विधायकों के पाला बदलने के बाद अब एक और मायावती के करीबी नेता ने पार्टी छोड़ दी है. 25 सितंबर को कानपुर लोकसभा से प्रत्याशी रहें अनुभव चक सैकड़ो कार्यकर्ताओं के साथ इस्तीफा देने के लिए मंडल कार्यालय पहुंचे. कार्यालय में ताला लटकता देख अनुभव भड़क गए और अपने समर्थकों के साथ वहीं पर विरोध प्रर्दशन करने लगें.

उनके हाथ में बीएसपी के फुलफार्म वाला बैनर था, जिसमें लिखा हुआ था कि बीएसपी मतलब भाई सतीश पार्टी है, इसके साथ ही बैनर में सतीश चंद्र मिश्रा की फोटो भी लगी हुई थी.

image credit-getty

गौरतलब है कि बसपा के कद्दावर नेता की भूमिका में रहें अनुभव चक बसपा मुखिया मायावती और सतीश चंद्र मिश्रा से नाराज चल रहे हैं. अनुभव चक जमीनी नेताओं में शुमार हैं. वह मायावती के सिपाही के रुप में जाने जाते हैं. मायावती उऩ पर आंख मूंद के भरोसा करती थी.

बसपा सुप्रीमों मायावती ने साल 2009 में अऩुभव चक को कानपुर लोकसभा से प्रत्याशी बनाया था, लेकिन वह कांग्रेस के श्रीप्रकाश जायसवाल से हार गए थे. इसके बाद ही पार्टी से स्वामी प्रसाद मौर्य और नसीमुद्दीन सिद्दीकी सरीखे नेताओं ने पार्टी को छोड़ दिया था, जिसके कारण अनुभव चक की पार्टी में पकड़ कमजोर होती चली गई. लेकिन वह पार्टी में विभिन्न पदों पर काम करते रहें. उन्होंने बसपा में प्रवक्ता के पद पर भी काम किया था.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here