बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने एक्शन में आ गई हैं. पार्टी से अनुशासनहीन और बआगी तेवर वाले नेताओं की छटनी के बाद अब वो संगठन को चुस्त दुरूस्त रखने और पार्टी कार्यकर्ताओं में नई जान फूंकने का प्लान बना चुकी हैं. इसकी शुरूआत उन्होंने कर दी है. आगामी 6 दिसंबर को पड़ने वाले डॉक्टर भीमराव अंबेडकर परिनिर्वाण दिवस से इसका असर दिखाई देने लगेगा.

मायावती ने रविवार को बसपा मुख्यालय में राज्यों के नेताओं की अहम बैठक बुलाई थी. इस बैठक में उन्होंने बाबा साहब की पुण्यतिथि को बड़े पैमाने पर मनाने के निर्देश दिए. बैठक में यूपी के अलावा अन्य सभी राज्यों के काम की समीक्षा के साथ प्रदेश व देश के राजनीतिक हालात पर भी गहन चर्चा की गई.

इसके अलावा अन्य दलों से पार्टी को मिलने वाली चुनौतियों और उससे निबटने के लिए क्या प्लान बनाया जाए इस बात पर भी विमर्श हुआ. मायावती ने पार्टी नेताओं से कहा कि संगठन को चुस्त दुरूस्त रखें और जनहित के मुद्दों पर विशेष ध्यान दें.

इस मौके पर उन्होंने सत्ताधारी दल बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा सरकार में दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यको को उनके अधिकार से वंचित किया जा रहा है. अर्थव्यवस्था में मंदी के लिए नोटबंदी और जीएसटी को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि आज देश में बेरोजगारी बढ़ गई है. इसके लिए भाजपा की गलत नीतियां जिम्मेदार हैं.

उन्होंने ये भी कहा कि आज सरकार का आंकलन करना काफी खतरनाक हो गया है, सरकार आंकलन करने वालों को पता नहीं किस जुर्म में बंद करवा दे. बता दें कि यूपी विधानसभा उपचुनाव परिणाम आने के बाद से मायावती बैकफुट पर आ गई थी. मगर अब दोबारा वो एकशन में आ चुकी हैं. उम्मीद है कि इसका असर बसपा में जल्द ही दिखाई देगा.

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